अलीगढ़, । मुरादाबाद के हिंदू कालेज में बुर्का पर प्रतिबंध लगाने पर पूर्व विधायक जमीर उल्ला ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बुर्का पर जो पाबंदी लगाए उसे नंगा करके घुमाया जाए। उससे पता चलेगा कि बेपर्दिगी क्या होती है? गांवों में भी महिलाएं घूंघट पहनकर निकलती हैं। जो जैसा चाहे उसे वैसा पहने। इस पर कोई ड्रेस कोड लागू नहीं होना चाहिए। पहले भी परंपरागत पहनावे पर ही महिलाएं आगे बढ़ी हैं और उन्होंने नाम रोशन किया है।
भाजपा नेता बोलीं- पूर्व विधायक का बयान शोभा नहीं देता
भाजपा नेता रूबिया आसिफ ने कहा कि पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्ला को ऐसा बयान शोभा नहीं देता। उन्हें बयान ऐसा देना चाहिए जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल हो। बड़े बुर्का पर स्कूल कालेज में प्रतिबंध होना चाहिए। स्कूल कालेज में बुर्का पहनने से हिंदू मुस्लिम एकता टूटती है। इससे पहचान होती है कि कौन हिंदू है और कौन मुसलमान है? स्कूल ड्रेस लागू होनी चाहिए।
क्या है यूपी के मुरादाबाद से शुरु हुआ बुर्का विवाद
मुरादाबाद के हिंदू कालेज में यूनिफार्म में आना अनिवार्य कर दिया गया है। सर्दियों के अवकाश के बाद विद्यालय खुलने के साथ ही इस आदेश का अनुपालन कराए जाने पर जोर दिया जा रहा है। विद्यार्थियों को लगातार टोका-टाकी के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं बिना ड्रेस के ही कालेज पहुंच रहे थे। इसके चलते साेमवार से बिना यूनिफार्म के कालेज आने वाले छात्र-छात्राओं के महाविद्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी गई।
बुर्का पहनकर कालेज पहुंच किया था हंगामा
छात्राएं बुर्का पहनकर बुधवार को कालेज पहुंच गईं। गेट पर उपस्थित नियंता दल के सदस्यों ड्रेस पहनकर आने वाले छात्र-छात्राओं को ही कालेज में प्रवेश दे रहे थे जब उन्होंने बुर्का पहनकर कालेज पहुंचीं छात्राओं से ड्रेस में आने के लिए कहा तो वह विरोध करने लगीं। इस दौरान महिला प्रोफेसर ने उनसे बिना बुर्का के केवल ड्रेस में आने के लिए कहा तो वह उनसे बहस करने लगीं। इसके बाद धरना प्रदर्शन कर हंगामा भी किया था।