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China: जनसंख्या में कमी दशकों के असफल परिवार नियोजन उपायों का नतीजा


शेफील्ड, : चीन की जनसंख्या 60 साल में पहली बार घटी है और सदी के अंत तक आधी से कम हो जाएगी। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कुछ साल तक जनसंख्या में गिरावट के बाद चीन अब “नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि के युग” में है। राष्ट्रीय जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 जन्म के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। चीन लंबे समय से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा है।

70 के दशक में लागू हुए थे कड़े परिवार नियोजन के उपाय

1970 के दशक में चीन की तेज जनसंख्या वृद्धि धीमी होने लगी थी। तब चीनी सरकार ने “अत्यधिक जनसंख्या” के डर के कारण परिवार नियोजन के उपायों की शुरुआत की थी। सबसे कड़ा उपाय 1980 में अपनाई गई वन चाइल्ड पॉलिसी यानी एक बच्चे की नीति थी। इसके तहत हर परिवार को सिर्फ एक ही बच्चा पैदा करने की इजाजत थी। हालांकि, इस नीति में कुछ जातीय अल्पसंख्यकों के सदस्य और ग्रामीण परिवार अपवाद थे।

जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए लागू किए थे उपाय

उस समय सरकार ने तर्क दिया था कि जनसंख्या वृद्धि को कम करके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक दुर्लभ संसाधनों को मुक्त किया जा सकेगा। लिहाजा, चीन की जनसंख्या में वृद्धि की दर कई दशकों तक धीमी रही। मगर, अब दशकों बाद पहली बार जनसंख्या कम होने लगी है।

चीन में आबादी की कमी बहस का विषय

फिलहाल ये बहस का विषय है कि क्या चीन की आबादी वास्तव में चरम पर है और ये कमी कब और कितनी तेजी से होगी। संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में अनुमान लगाया गया था कि चीन की जनसंख्या 2030 के आसपास घटने लगेगी। चीन की आबादी पर डेटा अविश्वसनीय है और ये इस पर निर्भर करता है कि गिनती कौन कर रहा है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, देश में 2022 के अंत में 1.4117 अरब लोग थे, जबकि एक साल पहले ये 1.4126 अरब थे।

दुनिया पर पड़ेगा असर

जब अधिक लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं और कम बच्चे पैदा होते हैं, तो इसके दो नजीते होते हैं। पहला एक कम होता कार्यबल और दूसरा वृद्ध लोगों के लिए बढ़ी हुई लागत। चीन की तीव्र आर्थिक वृद्धि उसके बड़े और सस्ते कार्यबल का नतीजा है। कम श्रमिकों के उपलब्ध होने और चीन से अलग होने के वैश्विक कदमों के साथ कंपनियां अपना उत्पादन कहीं और ले जा सकती हैं।