नई दिल्ली, । दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने आज गुरुवार को जनकपुरी में डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल (School of Specialized Excellence) को देशभर के कई बेस्ट प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बताया है।
उन्होंने कहा, “भारत के इतिहास में आजतक इतना शानदार स्कूल नहीं बना था! दिल्ली के सरकारी स्कूल देश के लिए बेंचमार्क बनते जा रहे हैं। प्रतिभाओं को उभारने के लिए दिल्ली में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल और आईटी-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के छात्र पढ़ाए जाएंगे।”
एडमिशन के लिए आए 96000 अप्लीकेशन
सीएम केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में 30 से ज्यादा स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल हैं। इसमें 4400 सीटों के लिए इंट्रेंस एग्जाम होगा, जिसके लिए 96000 अप्लीकेशन आई हैं। इतनी एप्लीकेशन तो आईटी-मेडिकल के लिए नहीं आती। किसी भी प्राइवेट स्कूल की इमारत इतनी शानदार नहीं है, जितनी दिल्ली के सरकारी स्कूल की है।
उन्होंने कहा, “पहले माहौल ऐसा था कि पैरेंट्स सरकारी स्कूल में बच्चे भेजना ही नहीं चाहते थे। आज हमारे स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल की 4400 सीटों के लिए 96000 अप्लीकेशन आई हैं। मैं हिसार के जिस बेस्ट प्राइवेट स्कूल से पढ़ा, यह उससे और मेरे बच्चों के स्कूल से भी ज्यादा अच्छा है।
बजट में महंगाई-बेरोजगारी से लड़ने की योजना नहीं- केजरीवाल
इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट को लेकर कहा कि इसमें महंगाई और बेरोजगारी से लड़ने के लिए कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि शिक्षा का बजट 2.64 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करना दुर्भाग्यपूर्ण, जबकि स्वास्थ्य बजट का 2.2 प्रतिशत से घटाकर 1.98 प्रतिशत करना हानिकारक है।
उन्होंने कहा कि बजट में एक बार फिर दिल्लीवासियों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। दिल्ली वालों ने पिछले वर्ष 1.75 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया, उसमें से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिया गया, जो दिल्ली के साथ घोर अन्याय है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट को “खतरनाक” बताया है। उन्होंने कहा कि 45 लाख करोड़ के बजट में 15 लाख करोड़ का कर्ज है। यानी, भाजपा देश को कर्ज में डुबोने वाला बजट लेकर आई है। जब-जब सरकारें कर्ज लेती हैं, तो महंगाई और बेकारी बढ़ती है। देश की समस्याएं हल नहीं होतीं। यह बजट देश को 15 लाख करोड़ के कर्ज में डाल देगा।