महाराष्ट्र, । केंद्र सरकार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर (Aurangabad as Chhatrapati Sambhajinagar) कर दिया है। वहीं, उस्मानाबाद का नाम धाराशिव (Osmanabad as Dharashiv) करने की मंजूरी भी दे दी है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही इसका एलान कर दिया था। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा भी मंजूरी मिल गई है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है।
देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट में जिले के नाम बदलने की जानकारी साझा करते हुए पीएम मोदी और अमित शाह को इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया।
छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे संभाजी
औरंगाबाद का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
छत्रपति संभाजी राजे, छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे और अपने पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य के दूसरे शासक थे। 1689 में औरंगजेब के आदेश पर संभाजी महाराज को फांसी दे दी गई थी।
वहीं, धाराशिव, उस्मानाबाद के पास एक गुफा परिसर का नाम, कुछ विद्वानों के अनुसार यह गुफा 8वीं शताब्दी का है। गौरतलब है कि हिंदू दक्षिणपंथी संगठन लंबे समय से दोनों शहरों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे।
बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने उठा था नाम बदलने का मामला
बता दें कि पिछले हफ्ते अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया था कि उस्मानाबाद शहर के नाम परिवर्तन पर केंद्र सरकार ने अपनी आपत्ति नहीं दी है, लेकिन अभी तक औरंगाबाद शहर का नाम बदलने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, केंद्र ने अब कुछ राजनीतिक दलों के साथ-साथ राज्य के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए दोनों नामों में बदलाव को मंजूरी दे दी।