अहमदाबाद। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में सूरत कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि, इस मामले में उन्हें जमानत भी मिल गई है। राहुल गांधी सूरत अदालत में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। बता दें कि राहुल के खिलाफ इस मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है। अदालत ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा: राहुल गांधी
कोर्ट से बाहर आए वकील के मुताबिक, जज ने राहुल से पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहते हैं। इस पर राहुल ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं, उन्होंने जानबूझकर कुछ नहीं कहा। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल की बातों से किसी का नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं। कानून बनाने वाले ही कानून तोड़ेंगे तो समाज में क्या संदेश जाएगा? इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा मिलनी चाहिए।
सत्य मेरा भगवान है: Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने कोर्ट से सजा मिलने के बाद ट्वीट किया है। राहुल ने महात्मा गांधी की पंक्तियों को ट्वीट किया। राहुल ने लिखा, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।” वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।
क्या है मामला?
ये मामला 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले का है। आरोप है कि कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?”। उनके इस बयान के बाद भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा
पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ सूरत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। उनकी शिकायत पर सूरत शहर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एच एच वोरा के न्यायालय में लंबी सुनवाई चली। दोनों पक्षों की ओर से चली लंबी बहस गत शुक्रवार को पूरी हुई।
अक्टूबर 2021 में पेश हुए थे राहुल
राहुल इस मामले में पिछली बार अक्टूबर 2021 को न्यायालय में पेश हुए थे, इसके बाद उन्हें अदालत में उपस्थित रहने से छूट मिल गई थी। राहुल ने अपने बयान में कहा था कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है तथा वे निर्दोष हैं। वहीं, राहुल के वकील ने दलील पेश करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता के खिलाफ कोई दस्तावेजी सबूत नहीं हैं और कोई भी राजनेता 13 करोड़ की आबादी वाले समाज के बारे में गलत बयान नहीं देगा। राहुल के वकील ने सफाई में कहा था कि उन्होंने नरेंद्र मोदी, ललित मोदी, नीरव मोदी व अन्य के नाम लेकर टिप्पणी की थी ना कि समाज पर।