नई दिल्ली। छह साल पहले भारत के लाखों रेल यात्रियों की यात्र को सुगम बनाने के लिए मनीष राठी ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर ‘रेल यात्री डॉट इन’ नाम से एक ऐसा ट्रैवल मार्केट प्लेस लॉन्च किया था, जहां ट्रेन संबंधी सर्विस के अलावा बस, कैब एवं होटल की बुकिंग कराई जा सकती है। रेल यात्री के सीईओ एवं सह-संस्थापक मनीष मानते हैं कि अगर बिजनेस में सफलता चाहिए, तो अपने ग्राहकों की समस्याओं को जानना जरूरी है। उसको गहराई से जानने के बाद ही उसका समाधान निकाला जा सकता है।
इसलिए कोविड-19 के दस्तक देने के बाद जब सुरक्षित यात्र पर जोर दिया जाने लगा, तो कंपनी की ‘इंटरसिटी स्मार्ट बस’ सेवा ग्राहकों का विश्वास जीतने में कामयाब रही। यह देश का पहला ‘इंटीग्रेटेड इंटरसिटी मोबिलिटी प्लेटफॉर्म’ है। इसके एप से बस की प्री-बुकिंग से लेकर उसे ट्रैक भी किया जा सकता है। इस समय कुल 6 हब से देश के 228 शहरों में इसकी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे प्रत्येक महीने 2.5 लाख से अधिक यात्रियों को फायदा मिला है। अगले तीन वर्षो में वह अपनी फ्लीट में दो हजार बसों को शामिल करने का इरादा रखते हैं।
भारतीय रेलवे के साथ भी काम करने का अनुभव
वेस्टर्न मिशिगन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स करने के बाद मनीष राठी ने बेल लैब्स व ग्लोबल लॉजिक सरीखी कंपनियों में काम किया। भारतीय रेलवे के साथ भी काम करने का अच्छा अनुभव रहा। लेकिन मन में कुछ अलग करने की चाहत थी। वह बताते हैं, ‘नौकरी करते हुए ही एक दिन लगा कि अब जोखिम उठाने का समय आ गया है। शुरुआत में दो-तीन आइडियाज पर काम किया, जो सफल नहीं हो सका। फिर मैंने देखा कि भारत में लाखों यात्री रोजाना ट्रेन से यात्रा करते हैं। लेकिन उन्हें क्वालिटी सर्विस नहीं मिलती। इन सभी चुनौतियों के मद्देनजर मैंने अपने सहयोगी कपिल रायजादा की मदद से रेल यात्री की नींव रखी। इस एप की मदद से लोग ट्रेन के समय, प्लेटफॉर्म, सीट की उपलब्धता, स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाओं की सही जानकारी ले सकते हैं।’
इंटरसिटी स्मार्ट बस सेवा लॉन्च की
इसके कुछ समय पश्चात मनीष एवं इनकी टीम को एहसास हुआ कि वे ट्रेनों की मूवमेंट, उसके रूट या रिजर्वेशन को नियंत्रित नहीं कर सकते। तब इन्होंने यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इंटरसिटी स्मार्ट बस सेवा लॉन्च की। इसमें लग्जरी बसों से कोई भी सुरक्षित यात्रा कर सकता है। यात्रियों की किसी भी समस्या का निराकरण करने के लिए ‘बस कैप्टन’ नियुक्त किये गये हैं।
अलग करने की कोशिश
मनीष कहते हैं कि किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने से पहले देखना होता है कि आप दूसरों से क्या अलग या नया क्या कर रहे हैं? आपको समस्याओं का अध्ययन करना पड़ता है। उसके मुताबिक प्रोडक्ट तैयार किये जाते हैं। बिजनेस कोई भी हो, उसमें उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। कोरोना काल में भी चुनौतियां आईं। इसलिए धैर्य रखना ही समझदारी है। इस समय वे स्टार्टअप ज्यादा कामयाब हैं, जो कंज्यूमर मार्केट की नब्ज पहचानते हुए इनोवेशन कर रहे हैं। हमने भी हमेशा से टेक्नोलॉजी के माध्यम से आम लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश की है। कंपनी का सिद्धांत भी यही है, वर्क हार्ड ऐंड प्ले हार्डर।