बेंगलुरु, : भारत में इस बार बारिश कितनी और कैसी होगी, इसका पहला पूर्वानुमान जारी हो गया है। वेदर रिपोर्ट देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने मॉनसून 2023 के लिए अपना पूर्वानुमान जारी किया है, जो काफी डरा देने वाली है।
बता दें कि इस साल सामान्य से कम मॉनसून का अनुमान है, यानि की पहले अनुमान में बारिश सामान्य से कम रह सकती है।
अल नीनो देने वाली है दस्तक
स्काईमेट ने बताया कि एलपीए यानी की लॉन्ग पीरियड एवरेज (Long Period Average) का 94 फीसदी बारिश होने का अनुमान है।
स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने एक बयान में कहा कि ला नीना के खत्म होने के बाद अब आने वाले दिनों में अल नीनो दस्तक देने वाली है,जिसके कारण मॉनसून के कमजोर रहने की संभावना बन रही है। स्काईमेट ने कहा कि, भारत में मानसून की बारिश लंबी अवधि के औसत का 94% रहने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग भी जल्द ही अपने वार्षिक मानसून पूर्वानुमान की घोषणा कर सकता है।
उत्तरी और मध्य हिस्सों में बारिश की होगी कमी
आपको बता दें कि भारत के लगभग आधे से ज्यादा किसान अपन खेत में चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को उगाने के लिए वार्षिक जून-सितंबर बारिश पर निर्भर करते है। स्काईमेट को उम्मीद है कि देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में बारिश की कमी का खतरा बना रहेगा।
यहां न के बराबर होगी बारिश
स्काईमेट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन की दूसरी छमाही के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। इस बीच, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने भारत के उपजाऊ उत्तरी, मध्य और पश्चिमी मैदानी इलाकों में गेहूं जैसी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे हजारों किसानों को नुकसान हुआ है।
अल नीनो
मॉनसून पर अल नीनो का खतरा मंडराया हुआ है। इसके कारण बारिश सामान्य से भी काफी कम होती है। अनुमान जताया जा रहा है कि अल नीनो का प्रभाव मई से जुलाई महीने के बीच देखा जा सकता है। बता दें कि अल नीनो का मतलब है कि जब समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं उसी समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है।