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हेमंत की गिरफ्तारी संभव, इसी केस में बंद हैं कई करीबी,


रांची, । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के लिए समन जारी कर दिया है। शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे उन्हें प्रवर्तन निदेशाल रांची के कार्यालय में हाजिर होना है। उन्हें अब प्रवर्तन निदेशालय के सवालों का जवाब देना होगा। यह पूछताछ कई घंटों और कई दिनों की भी हो सकती है। यह मामला अवैध खनन और मनी लांड्रिंग से संबंधित है। लंबे समय से यह कयास लगाया जा रहा था कि देर सबेर 1000 करोड़ के इस अवैध खनन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बुरी तरह फंस सकते हैं। अंतत: वही हुआ। हेमंत सोरेन की भी बारी आ ही गई। यह कहानी झारखंड की भ्रष्ट आइएएस पूजा सिंघल और उसके सीए सुमन कुमार की गिरफ्तारी से शुरू हुई थी। इस कहानी का अंतिम छोर हेमंत सोरेन ही माने जा रहे थे। अब कहानी अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है। पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन का क्या होगा? क्या ईडी उन्हें भी अन्य आरोपितों की तरह गिरफ्तार करेगी? सबसे बड़ा सवाल राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है।

सीएम हेमंत सोरेन के सभी आरोपित पहुंच चुके हैं जेल

मालूम हो कि इस अवैध खनन Jharkhand Illegal Mining Case के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अबतक जितने भी बड़े दिग्गजों से पूछताछ की है, उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। इस समय सभी आरोपित रांची होटवार जेल में बंद हैं। कुछ बीमार होकर अस्पताल में इलाजरत भी हैं। ये आरोपित हेमंत सोरेन के इतने करीबी हैं कि कोई भी सहज अनुमान लगा सकता कि हेमंत सोरेन कितनी बड़ी मुसीबत में घिरे हुए हैं। ये आरोपित हेमंत सोरेन को किस मुकाम पर पहुंचा सकते हैं। सभी आरोपितों की करतूतों का कनेक्शन सीधे हेमंत सोरेन से जुड़ता नजर आ रहा है। ईडी को कई साक्ष्य भी मिल चुके हैं। यही वजह है कि ईडी ने बहुत पहले अदालत में यह कह दिया था कि हेमंत सोरेन के खिलाफ उसके पास पुख्ता साक्ष्य है। इन आरोपितों के साथ ईडी ने अबतक जो बर्ताव किया है, उसी से यह कयास लगाया जा रहा कि हेमंत सोरेन पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। क्या होगा, यह भविष्य तय करेगा।

इस तरह हेमंत सोरेन को जाना पड़ सकता है जेल

ईडी के हाथों गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित इस समय अदालत का चक्कर काट रहे हैं। जमानत के लिए गुहार लगा रहे हैं। अपनी बीमारी के अलावा तरह तरह के कारण बता रहे हैं, लेकिन अभी तक अदालत ने किसी को भी जमानत नहीं दी है। यानी सभी आरोपित मुफ्त में जेल की रोटी तोड़ रहे हैं और चावल चबा रहे हैं। निकट भविष्य में इन्हें जमानत मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में यदि पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हेमंत सोरेन के खिलाफ भी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया तो उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। उन्हें भी अन्य आरोपितों की तरह ही जेल जाना होगा और जमानत के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। चूंकि मामला गंभीर है, किसी को जमानत नहीं मिल रही है, इसलिए हेमंत सोरेन को भी अदालत तत्काल जमानत नहीं दे सकती। एक ही केस में आरोपितों के साथ एक ही तरह का बर्ताव संभव है। इसलिए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हेमंत सोरेन को भी जेल जाना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में उन्हें इस्तीफा देने की नौबत आ सकती है।

सभी आरोपितों का हेमंत सोरेन से है कनेक्शन

जिस आइएएस पूजा सिंघल से कहानी शुरू हुई, वह खान विभाग की सचिव थी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं खान विभाग के मंत्री। देसी भाषा में कहें तो मंत्री जी की सचिव घोटला कर रही थी, मनी लांड्रिंग कर रही थी, अवैध खनन के एवज में वसूली रही थी। मंत्री जी चुप थे। इसी तरह जिस पंकज मिश्रा को ईडी ने गिरफ्तार किया है, वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र का विधायक प्रतिनिधि है। ईडी पंकज मिश्रा को अवैध खनन का सबसे बड़ा माफिया मान रही है। पंकज मिश्रा के घर से हेमंत सोरेन के चेकबुक और पासबुक बरामद हो चुक हैं। विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा खेल पर खेल करता रहा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुप्पी साधे रखी। इसी तरह ईडी ने एक तीसरे माफिया को गिरफ्तार किया है- प्रेम प्रकाश। ईडी ने जब छापेमारी की तो प्रेम प्रकाश के घर से एके-47 बरामद हुआ। यह हथियार सरकारी थे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री आवास में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों के लिए आवंटित थे। प्रेम प्रकाश न तो किसी पार्टी का नेता है और ही वीआइपी पर्सन। उसकी छवि नेताओं और नौकरशाहों के बीच दलाल की रही है। झारखंड की हर सरकार में वह ठेकेदारी करने और ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने के धंधे के लिए मशहूर रहा है। उसके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम जुड़ा, लेकिन हेमंत सोरेन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस तरह और भी कई माफिया पकड़े गए हैं। इनकी कुंडली खंगालने पर पता चलता है कि किसी न किसी तरह ये लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी हैं।