नई दिल्ली, । टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत के नाम कई बड़ी उपलब्धियां है। दूसरा पोखरण टेस्ट देश के लिए न्यूक्लियर टेस्ट में एक बड़ी सफलता थी। इसी के साथ भारत ने न्यूक्लियर क्लब को जॉइन करने वाले देश के रूप में 6वें नंबर पर अपनी एंट्री कर ली थी। इस आर्टिकल में भारत की टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रही बड़ी सफलाओं को ही बताने जा रहे हैं-
परमाणु घड़ी बनी, एक ही रॉकेट पर 104 सेटेलाइट हुई थी लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो की बात करें तो इसरो ने एक परमाणु घड़ी (atomic clock) विकसित की थी। इस परमाणु घड़ी का इस्तेमाल नेविगेशन सेटेलाइट में सटीक लोकेशन का डेटा लेने में कारगर माना गया।
इसरो ने एक ही रॉकेट पर रिकॉर्ड 104 सेटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। यह मिशन भारत के लिए अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि रही थी।
देश का सबसे भारी रॉकेट हुआ था लॉन्च
इसरो ने देश का सबसे भारी रॉकेट GSLV-Mk III लॉन्च किया था, जिसका क्रायोजेनिक इंजन स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था। इस रॉकेट को एक खास तरह के पहले अंतरिक्ष मिशन में “गेम-चेंजर” माना गया । असल में यह देश के स्पेस मिशन में आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक बड़ा कदम रहा था।
दुनिया का सबसे छोटा सेटेलाइट भारत में बना
भारत का नाम दुनिया भर में एक बार फिर मशहूर हुआ था जब देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु से एक 18 साल के युवक ने दुनिया के सबसे छोटे सेटेलाइट को बनाया था। इस छोटे से 3डी सेटेलाइट को Kalamsat नाम से जाना गया। नासा ने भी इस सेटेलाइट का इस्तेमाल अपने स्पेस मिशन के लिए किया।
PARAM – भारत का पहला स्वदेशी सुपरकंप्यूटर आधुनिक भारत की तकनीकी यात्रा में मील का पत्थर का साबित हुआ था। 80 का दशक भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र का एक मुश्किल दौर था।
भारत द्वारा निर्मित पहला मानव रहित सेटेलाइट आर्यभट्ट भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। आर्यभट्ट का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा एक्स-रे खगोल विज्ञान, वैमानिकी और सौर भौतिकी में प्रयोग करने के लिए किया गया था। इसके बाद इसरो के नई संभावनाओं के दरवाजे खुले थे।
मंगल और चांद पर पहुंचा था भारत
मार्स ऑर्बिटर मिशन ने भारत को अपने पहले प्रयास में मंगल पर पहुंचने वाला दुनिया का एकमात्र देश बना दिया। इस सफलता के बाद भारत एशिया में पहला और मंगल ग्रह की सतह तक पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था।
चंद्रयान -1 भारत का पहला चांद पर पहुंचने का मिशन था। इस मिशन के साथ, भारत चंद्रमा की सतह पर अपना झंडा फहराने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था।
5G टेक्नोलॉजी का तेजी से हो रहा विस्तार
भारत का नाम 5G टेक्नोलॉजी के प्रचार और प्रसार में खास माना जाता है। भारत ने 5G टेक्नोलॉजी के लॉन्च होते ही इसे मात्र कुछ ही महीनों में देश के कोने-कोने तक पहुंचा दिया है। इस क्रम में रिलायंस और भारती एयरटेल अपनी भूमिका निभा रहे हैं।