नई दिल्ली, । नए संसद भवन की ओर मार्च के दौरान हिरासत में लिए महिला पहलवानों को देर शाम पुलिस ने छोड़ दिया है। दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, संगीता फोगाट और साक्षी मलिका को हिरासत से छोड़ दिया गया। वहीं पहलवान बजरंग पुनिया समेत कुल 4 लोग अभी थाने के अंदर डिटेन किए गए हैं।
फोगाट बहनों ने पुलिस पर लगाया ये आरोप
थान से बाहर निकलने के बाद विनेश फोगाट ने कहा कि पुलिस ने साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और मुझे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अभी एक पहलवान हिरासत में है। फोगाट बहनों ने कालकाजी थाने के उच्च पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया कि अधिकारियों ने बिना अनुमति लिए अपने निजी मोबाइल फोन में उनकी वीडियो बनाई है।
कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नए संसद भवन की ओर मार्च के दौरान पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। उधर दिल्ली जा रहे बीकेयू नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर सीमा पर रोक दिया था। हालांकि, शाम को किसानों के साथ राकेश टिकैत ने यूपी गेट को खाली कर दिया। टिकैत ने कहा कि वह अलीगढ़ में पंचायत करेंगे। इसके बाद आगे की रूपरेखा तय होगी।
DCW ने दिल्ली पुलिस को लिखा पत्र
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा (DCW) स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष को गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही रविवार को हिरासत में लिए गए पहलवानों को रिहा करने की मांग की है। इसके अलावा जिन्होंने पहलवानों को हिरासत में लिया है, उनपर कार्रवाई करने की मांग की है।
पहलवानों के समर्थन में फिर आए केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से महिला पहलवानों का समर्थन किया है। केजरीवाल ने महिला पहलवानों के साथ बदसलूकी पर रोष जताया। उन्होंने महिला पहलवानों के साथ पुलिस के बर्ताव को निंदनीय करार दिया है। दिल्ली के सीएम ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद ग़लत एवं निंदनीय है।
प्रियंका गांधी ने केंद्र पर बोला हमला
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहलवानों पर की गई पुलिस की कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं। उन मेडलों से, खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है। भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है। ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।”