वाराणसी, । ज्ञानवापी में सर्वे के लिए सोमवार को 11 बजे एएसआइ की टीम मौके पर पहुंची है। पांचवें सावन के सोमवार को भारी भीड़ की वजह से सर्वे के लिए 11 बजे के बाद टीम सर्वे करने भारी सुरक्षा के बीच गेट नम्बर चार पर पहुंची। सर्वे के चौथे दिन अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने ज्ञानवापी पहुंचने से पहले बताया कि कमेटी साथ है। एएसआई टीम का सर्वे लम्बा चलेगा गुम्बद के नीचे रविवार को कार्य चल रहा था आज भी सर्वे होगा।
दक्षिणी गुंबद में मिले प्रतीक चिह्न
इससे पहले रविवार को सर्वे में दक्षिणी गुंबद में भी शिखर जैसे ढांचे पर फूल, पत्ती आदि हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक चिह्न उकेरे हुए मिले। टीम ने इन आकृतियों की बनावट देखी और उसके आकार आदि के बारे में नोट किया। उन्होंने तीनों शिखरों के बीच में गोल चिह्न पाया जैसा मंदिर के शिखर पर ध्वज के लिए बना होता है। इन शंकुकार शिखरों का उल्लेख एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट में भी है। मंदिर पक्ष इसे प्राचीन आदि विश्वेश्वर मंदिर का शिखर बताता है।
पत्थरों पर भी नजर आ रहीं फूलों की आकृतियां
मंदिर पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे टीम व्यास जी के कमरे में विश्वनाथ मंदिर की तरफ खुलने वाले दरवाजे से दाखिल हुई। यहां से मलबा हटाने का काम जारी है। कमरे में ही जगह-जगह छोटे-बड़े अवशेष मिले, जो मंदिर के प्रतीत हो रहे हैं। खंभों पर उकेरी गईं आकृतियां स्पष्ट होती जा रही हैं। एक खंभे पर सात पंक्तियां भी मिलीं हैं जो स्पष्ट नहीं हो रहीं।
चार हिस्सों में बंटे कमरे में जमीन पर कुछ पत्थर भी हैं, जिन पर कमल के फूल, पंखुड़ी और स्वास्तिक जैसे चिह्न हैं। पुरातत्ववेत्ताओं ने प्रत्येक आकृति की बारीकी से जांच की, विशेष रूप से उनकी बनावट की। उनके बारे में नोट भी बनाया।