नई दिल्ली, । तारीख 23 अगस्त, दिन बुधवार, समय 6 बजकर 4 मिनट यह कोई मामूली टाइमलाइन नहीं है यह वो यादगार लम्हा है जिसे भारत जन्मों-जन्मों तक याद रखने वाला है। देश ने इसी दिन और इसी समय चांद पर फतेह किया। इस गौरवमय क्षण के बाद पूरा भारत अपने इस उपलब्धि पर गर्वमानित है।
इस दिन को हमेशा यादगार बनाने के लिए पीएम मोदी ने एक विशेष एलान किया है। इस एलान में प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को (23 अगस्त) नेशनल स्पेस डे यानि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया। पीएम मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को हिंदुस्तान नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएगा। यह दिन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
जब देश इतिहास रच रहा था तब प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थे। आज जैसे ही वह स्वदेश लौटे सबसे पहले वह चंद्रयान को सफल बनाने वाले सभी वैज्ञानिकों से मिलने सुबह-सुबह बेंगलुरु पहुंचे। पीएम सभी वैज्ञानिकों से बड़े ही गर्मजोशी के साथ मिलते हुए उनकी पीठ थपथपाई। चंद्रयान-3 के सफल लैंडिग के बाद भारत की चर्चा चारों ओर है इससे वाकिफ पीएम मोदी ने इस दिन को और भी यादगार बनाने के लिए चंद्रयान-3 की कामयाबी का नामकरण कर दिया।
‘नेशनल स्पेस डे’ मनाने से बच्चों में विज्ञान के प्रति बढ़ेगी रुचि
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन के एलान की महत्वपूर्णता को बताते हुए कहा कि जिस दिन भारत का तिरंगा चंद्रमा पर पहुंचा, उस दिन को नेशनल स्पेस डे (National Space Day) के रूप में मनाने से देश के बच्चों और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होगी। जब कोई बच्चा रात को चांद को देखेगा तो वह अनुभव करेगा कि जिस जज्बे और हौसले से देश चंद्रमा पर पहुंचा है, वही हौसला और उत्साह उस बच्चे के अंदर भी है। चंद्रयान की इस सफलता ने भारत के बच्चों में आकांक्षाओं के बीज बो दिए हैं जो भविष्य में वटवृक्ष का रूप लेकर विकसित भारत की नींव बनेंगे।
चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के टचडाउन स्पॉट का हुआ नामकरण
पीएम मोदी ने चांद की उस जगह के नामकरण की घोषणा की जहां चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब ‘तिरंगा’ कहलाएगा। ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी घोषणा करते हुए कहा कि, “जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा, उस स्थान को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा।” उन्होंने कहा कि शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प समाहित है और शक्ति से हमें उस संकल्प को पूरा करने सामर्थ्य मिलता है।