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‘मुख्यमंत्री जी अपमानित करने पर कैसे करूं आपके आग्रह पर विचार’, नीतीश के सामने गवर्नर ने मंच बोले –


पटना। बिहार राज्यपाल ने एक बार अपने अभिभाषण में राजभवन और विश्वविद्यालय के कुलपतियों के बीच विवाद का जिक्र करके इसे हवा दे दी है। इससे यह विवाद एक बार फिर से सतह पर आता दिख रहा है। मंगलवार को पटना विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कुछ ऐसा ही देखने-सुनने को मिला।

राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने विवि में मंच से दिए गए अपने अभिभाषण परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए, इस विवाद में नई हवा फूंक दी। बता दें कि हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद राज्यपाल से चर्चा के बाद कह चुके हैं कि यह विवाद समाप्त हो गया है।

 

बहरहाल, हुआ यूं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में शिरकत की। इस दौरान राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद थे।

सीएम ने राज्यपाल से पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के लिए पहल का अनुरोध किया। उन्होंने राज्यपाल से पटना विश्वविद्यालय के विकास कार्यों का अवलोकन करने का भी अनुरोध किया।

इधर, राज्यपाल आर्लेकर जब मंच पर अपना अभिभाषण देने आए तो उन्होंने शिक्षा विभाग की गतिविधियों को शिक्षक के सम्मान के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि जब चांसलर से सचिव स्तर के अधिकारी अधिकार पूछ सकते हैं तो कुलपति और शिक्षकों की क्या स्थिति रहती होगी।

राज्यपाल ने कहा कि अधिकारी शिक्षकों का सम्मान नहीं करेंगे तो यह दिन बदलकर शिक्षकों को दीन बना देता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति के सेवा विस्तार के अनुरोध पर कहा कि अपमानित करने पर इस पर कैसे विचार किया जा सकता है।

राज्यपाल का इशारा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा राजभवन से किए गए पत्राचार पर था। राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को पटना विश्वविद्यालय के सीनेट हाल के सुंदरीकरण के पश्चात मंगलवार को उद्घघाटन करने पहुंचे थे।