कोलकाता, । : करोड़ों के आवासीय घोटाले मामले में एक बार तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कानूनी शिकंजा कसा है। ईडी ने 7 सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की एक ऑडिट रिपोर्ट को ट्रैक किया है। यह वहीं ऑडिट रिपोर्ट है जिसमें अभिनेत्री से नेता बनीं नुसरत के हस्ताक्षर हैं। बता दें कि नुसरत जहां को तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा का निदेशक बनाया है।
हालांकि, वित्तीय वर्ष 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट नुसरत के दावे की पुष्टि करती है कि उन्होंने मार्च 2017 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। वह इस बात का खंडन कर रही है कि कंपनी की एक ‘स्वतंत्र निदेशक’ के रूप में वह वित्तीय और लेनदेन विवरण से बिल्कुल अनजान थी। ईडी अधिकारी मामले में अपनी जांच आगे बढ़ाते समय इस बात को ध्यान में रख रहे हैं।
हस्ताक्षर के बारे में हो सकती है पूछताछ
सूत्रों ने कहा कि अगर नुसरत को पूछताछ के लिए दूसरी बार बुलाया जाता है, तो उनके हस्ताक्षर वाली इस ऑडिट रिपोर्ट पर उनसे पूछताछ की जा सकती है। इससे पहले जहां को 12 सितंबर को केंद्रीय एजेंसी के साल्ट लेक कार्यालय में जांच अधिकारियों द्वारा छह घंटे की लंबी पूछताछ का सामना करना पड़ा था।
ईडी कार्यालय से निकलते समय सांसद ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने सभी सवालों का जवाब दे दिया है और जरूरत पड़ने पर भविष्य में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
नुसरत पर क्या लगे है आरोप?
नुसरत पर आरोप यह है कि उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को आकर्षक दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके उनसे कई करोड़ रुपये लिए थे। शिकायत के अनुसार, उन्हें फ्लैट उपलब्ध कराने के बजाय, उनके पैसे का इस्तेमाल जहां सहित निदेशकों द्वारा निजी आवासीय आवास खरीदने के लिए किया गया था।
अपनी सफाई में क्या बोलीं नुसरत?
नुसरत ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उसने उक्त कॉर्पोरेट इकाई से लगभग 1.16 करोड़ रुपये का लोन लिया था और उसने मार्च 2017 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। नुसरत ने मार्च 2017 में ही ब्याज सहित 1.40 करोड़ रुपये से अधिक का लोन चुका दिया था।