नई दिल्ली। चुनाव से पहले एमपी और राजस्थान के सीएम की तरफ से की जा रही घोषणाओं के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
जनहित याचिका पर मांगा जवाब
मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के खिलाफ विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मुफ्त सुविधाएं बांटने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार से उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा है।
करदाताओं के पैसों का हो रहा दुरुपयोग
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका पर केंद्र, चुनाव आयोग और भारतीय रिजर्व बैंक को नोटिस भी जारी किया। इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि मतदाताओं को लुभाने के लिए दो राज्य सरकारों द्वारा करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा क्रूर कुछ नहीं हो सकता।”
लोगों पर बढ़ता है बोझ
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा, “यह हर बार होता है और इसका बोझ करदाताओं पर पड़ता है।” पीठ ने कहा, “चार सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। अदालत ने भट्टू लाल जैन द्वारा दायर जनहित याचिका पर ध्यान दिया और आदेश दिया कि इसे इस मुद्दे पर लंबित याचिका के साथ टैग किया जाए।