नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से हर कोई परेशान है। हवा की गुणवत्ता का स्तर लगातार गिरने से एक्यूआई गंभीर श्रेणी से अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
स्थायी विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग खारिज
मामला इतना गंभीर हो गया है कि अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के आकलन के लिए जिला स्तर पर एक स्थायी विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग वाली याचिका दाखिल हुई। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से नीतिगत मामला है। पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘क्या आपको लगता है कि अगर देश भर के सभी जिलों में समितियां होंगी तो प्रदूषण खत्म हो जाएगा।’
याचिका खारिज हुई
पीठ द्वारा मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करने पर याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका वापस ले ली और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।
शीर्ष अदालत अजय नारायणराव गजबहार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रदूषण के आकलन के लिए जिला स्तर पर एक स्थायी विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।