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दिवाली पर लोगों को कब करनी चाहिए लक्ष्मी पूजा, अलग वर्ग के लिए अलग शुभ मुहूर्त


लखनऊ। Diwali Muhurat 2023 : खुशियों का पर्व दीपावली रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। घरों में मिट्टी से लेकर पीतल, चांदी के लक्ष्मी गणेश का पूजन किया जाएगा। 

पूजा अर्चना के लिए इस दिन शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषाचार्यों ने इसके लिए शाम व अर्धरात्रि में दो विशेष शुभ मुहूर्त बताए हैं। इनमें की गई पूजा अर्चना घरों में खुशहाली लाएगी।

नीचे पढ़ें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

दीपावली खुशियों का पर्व है। इस पर्व को मनाने के लिए साल भर इंतजार रहता है। पिछले कई माह पहले से घरों को सजाने संवारने का कार्य शुरू हो गया था। एक सप्ताह पूर्व ही बाजारों में खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ने लगी। सभी तैयारियां घरों में पूरी कर ली गईं।

ज्योतिषाचार्यों के यहां लगी भीड़

शनिवार से ही लोग पूजा के लिए शुभ मुहूर्त को लेकर उत्सुक बने हुए हैं। इसके लिए ज्योतिषाचार्यों के यहां भीड़ रही है। कुछ लोग फोन से ही शुभ मुहूर्त की जानकारी करते दिखे। मथुरा के ज्योतिषाचार्य अजय तैलंग ने बताया कि दीपावली का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। विधि-विधान से पूजा करने से सुख-समृद्धि होती है।

दीपावली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

12 नवंबर को प्रदोष काल 

पूजन मुहूर्त: शाम में 5. 29 बजे से रात 8.0 8 मिनट तक रहेगा।

वृषभ लग्न: शाम 6. 09 बजे से रात 8.04 तक रहेगा।

चौघड़िया मुहूर्त: दोपहर 2. 44 बजे से 2.47 बजे तक रहेगा।

घर में लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ समय शाम 5. 29 बजे से रात 10.26 बजे तक रहेगा।

विभिन्न समूह के लोगों के लिए पूजन का समय

कारखाना वाले लोग- सुबह 10 बजे से सुबह 11 बजे तक।

सोना-चांदी के कारोबारी- शाम 7.30 बजे रात 8.30 बजे तक।

पारिवारिक लोग- शाम 5.50 बजे से शाम 7.30 बजे तक।

चिकित्सक- शाम 7.30 बजे से रात 8.30 बजे तक।

अधिवक्ता, कचहरी, प्रशासन के लोग- शाम सात बजे से रात नौ बजे तक।

पत्रकार, लेखक, संगीत कलाकार- शाम 5.50 बजे से रात नौ बजे तक।

पुलिस प्रशासन- रात 11.30 बजे से रात 1.35 बजे तक।

चांदी के बड़े व्यापारी- रात 11.40 बजे से रात 3.30 बजे तक।

सरकारी नौकरी- शाम छह बजे से रात 8.30 बजे तक।

गृहस्थ लोग- शाम 7.40 बजे तक रात 9.09 बजे तक।

पूजन सामग्री

दीपावली के दिन धूप, दीप, रोली, अक्षत, कपूर, हल्दी, कुमकुम, फल, फूल, कमल गट्टे, चांदी का सिक्का, आम का पत्ता, गंगाजल, चौकी, काजल, हवन, सामग्री, फूलों की माला, नारियल, लोंग, शहद, पंचामृत, खील, बताशे, पंच मेवा, मिठाई, सरसों का तेल या घी, मिट्टी का दिया और केले के पत्ते का प्रयोग करना चाहिए।

मिष्ठान पंच मेवा व खील बताशे से लगाएं भोग

हाथरस के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली की पूजा स्नान व शुद्ध आचमन करके पूजा करनी चाहिए। इसके लिए रोली, चंदन व चावल यदि मैया हैं तो सिंदूर, अबीर, गुलाल, मेहंदी, हल्दी से पूजा करनी चाहिए।

इसके बाद लक्ष्मी गणेश को मिष्ठान, पंच मेवा व खील बतासे से भोग लगाना शुभ रहता है। प्रतिष्ठान, दुकान व फैक्ट्री में बही-खाते, तराजू-बाट, गल्ला, मशीनरी की पूजा करनी चाहिए।