यरुशलेम। इजरायल-हमास युद्ध को आज 38 दिन पूरे हो चुके हैं और जवाबी कार्रवाई में इजरायली सेना ने हमास के कई ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। इजरायली सेना द्वारा हमास आतंकियों के कई कमांडर को भी ढेर कर दिया गया है। हालांकि, इसी बीच इजरायल कई बार इस बात की घोषणा कर चुका है कि हमास आतंकियों ने खुद को बचाने के लिए आम नागरिकों को अपना ढाल बनाया है।
आईडीएफ ने हमास कमांड सेंटर को लेकर किया दावा
एक बार फिर इजरायली सेना ने इस बात को लेकर दावा किया है कि खुद को बचाने के लिए हमास के आतंकियों ने खुद को गाजा के मुख्य अस्पताल अल शिफा के तहखाने में खुद को छिपा रखा है। बताया जा रहा है कि इस तहखाने में हमास का कमांड सेंटर है और शायद कुछ बंधकों को भी उसी में रखा गया है। हालांकि, इसे लेकर कोई सबूत नहीं है, लेकिन संभावना जताई गई है।
डर के साये में जी रहे मरीज
नीचे हमास के आतंकी और बाहर इजरायली सेना के बीच फंसे अस्पताल के मरीजों को कई तरह की परेशानी और एक डर के साय में जिंदगी बिताना पड़ रहा है। इजरायल का कहना है कि वह कर्मचारियों और मरीजों को निकालने की अनुमति देने को तैयार है, लेकिन फलस्तीनियों का कहना है कि इजरायली बलों ने बाहर निकलने वाले लोगों पर गोलीबारी कर उन्हें मार डाला।
इस बीच, डॉक्टरों का कहना है कि सुविधा में ईंधन खत्म हो गया है और मरीज मरने लगे हैं। इसको लेकर इजरायल ने अस्पताल को ईंधन मुहैया कराने की कोशिश की थी, लेकिन हमास ने अस्पतालों ने उन ईंधनों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसको लेकर आईडीएफ ने अपने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था।
अस्पताल में मौजूद 500 से अधिक बिस्तर
गाजा का अल शिफा एक ऐसा अस्पताल है, जो वर्षों के संघर्ष और हमास को कमजोर करने के उद्देश्य से इजरायल-मिस्र की नाकाबंदी के बाद काफी हद तक ध्वस्त हो गई है। हालांकि, अब भी शिफा में 500 से अधिक बिस्तर और एमआरआई स्कैन, डायलिसिस समेत देखभाल की कई इकाइयां हैं। हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गाजा में मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लगभग 50 प्रतिशत इलाज यहीं पर होता है।
7 अक्टूबर के बाद युद्ध छिड़ने के बाद शरण लेने और अपनी जान बचाने के लिए हजारों लोग इस अस्पताल के मैदान में इकट्ठा हो गए। हालांकि, जैसे-जैसे लड़ाई अस्पताल के पास पहुंचने लगा लोगों ने वहां से भी भागना शुरू कर दिया, लेकिन उस दौरान भी कई चिकित्सक और कर्मचारी अस्पताल में ही रुके रहे और घायलों के लिए मौजूद रहे थे।
ईंधन खत्म होने से खतरे में है नवजात बच्चों की जान
शनिवार को अस्पताल ने घोषणा की कि उसके आखिरी जनरेटर का ईंधन खत्म हो गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि तीन शिशुओं सहित लगभग 32 मरीजों की मौत हो गई है। उनका कहना है कि 36 अन्य शिशुओं की जान को खतरा बना हुआ है।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कानून अस्पतालों को युद्ध के दौरान विशेष सुरक्षा देता है। रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के मुताबिक, यदि अस्पताल ने लड़ाके या फिर हथियारों को जमा करने और छिपाने की कोशिश की, तो अस्पताल उन विशेष सुरक्षा के अधिकारों को खो सकते हैं।
नागरिकों को ढाल बना रहा हमास
हमास अक्सर भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों से इजरायल की ओर रॉकेट दागता है और इसके लड़ाकों ने घनी आबादी वाले इलाकों में इजरायली सैनिकों से लड़ाई की है। पूरे युद्ध के दौरान, इजरायल ने कई तस्वीरें और वीडियो फुटेज जारी किए हैं, जिनमें मस्जिदों, स्कूलों और अस्पतालों के अंदर या आसपास हथियार और अन्य हमास कमांड सेंटर दिखाए गए थे।
अस्पताल में मिला हमास का कमांड सेंटर
सोमवार देर रात, इजरायल के मुख्य सैन्य प्रवक्ता, रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने फुटेज दिखाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाजा के रान्तिसी हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन के तहखाने में हमास के हथियारों का जखीरा मिला था।
हागारी ने कहा कि मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद इजरायली सैनिकों के साथ वह अस्पताल में दाखिल हुए और छानबीन के बाद उन्हें हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। हगारी एक कमरे में गए जहां उन्हें विस्फोटक जैकेट, स्वचालित राइफलें, बम और रॉकेट चालित ग्रेनेड बरामद हुए।
घटनास्थल की जांच कर रही फोरेंसिक टीम
हगारी ने कहा, “हमास अस्पतालों को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है।” उन्होंने एक और तस्वीर जारी किया था, जिसमें जगह को देखकर लग रहा था कि वहां बंधकों को रखा गया था। साथ ही, वहां पर जल्दबाजी में स्थापित शौचालय और एयर वेंट समेत कई संदिग्ध चीजें मिली है। एक दीवार पर पर्दा भी लगा हुआ था, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमास के आतंकी वीडियो बनाने के लिए बैकग्राउंड के तौर पर इस्तेमाल करते थे। फिलहाल, फोरेंसिक टीम घटनास्थल की जांच कर रहे हैं।
तस्वीरें देख पसीजा लोगों का दिल
अस्पतालों से नवजात बच्चों की तस्वीरें जारी की गई हैं। इन तस्वीरों में साफ तौर पर दिखाया गया है कि ईंधन खत्म हो जाने के कारण बच्चों को गर्माहट देने के लिए कंबल में लपेटा गया है। इजरायली सेना ईंधन दे भी रही है, तो अस्पताल प्रबंधन उसे स्वीकार नहीं कर पा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता मेधात अब्बास ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जिस आपदा से यह अस्पताल गुजर रहा है, उसके बावजूद हम उन्हें जीवित रखने का पूरा प्रयास करेंगे।”
जो बाइडन ने की अपील
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि अस्पताल को संरक्षित किया जाना चाहिए और इजरायली बलों से कम घुसपैठ वाली कार्रवाई का आह्वान किया। बाइडन ने कहा, “यह मेरी आशा और अपेक्षा है कि कम घुसपैठ वाली कार्रवाई होगी।” एक अन्य इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने कहा, “हमारा अस्पताल पर नियंत्रण करने का कोई विचार नहीं है, बल्कि हम हमास के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर विचार कर रहे हैं।”