बागपत। बरनावा गांव के लाक्षागृह स्थित प्राचीन टीले को लेकर अदालत ने 53 साल बाद अपना फैसला सुना दिया है। यह एतिहासिक फैसला अदालत ने हिंदुओं के पक्ष में सुनाया है। फैसला आने के बाद श्री महानंद संस्कृत विद्यालय गुरुकुल परिसर में मंगलवार सुबह आचार्यों व छात्रों ने वेद मंत्रों के साथ यज्ञ किया।
अदालत ने प्राचीन टीले को लाक्षागृह ही माना है। मुस्लिम पक्ष के प्राचीन टीले पर बदरुद्दीन की दरगाह और कब्रिस्तान होने के दावे को खारिज कर दिया है। अदालत के फैसले के बाद हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है। उधर फैसले के बाद यहां स्थित संस्कृत गुरूकुल परिसर में अध्ययनरत विभिन्न प्रांतों के छात्रों व आचार्यों ने वेद मंत्रोच्चारण के साथ स्वस्ति यज्ञ कर राष्ट्र कल्याण की कामना कर खुशी व्यक्त की।
गुरुकुल प्रधानाचार्य अरविंद शास्त्री, आचार्य गुरुवचन, आचार्य जयकृष्ण, विजय कुमार, देवेंद्र शास्त्री, संजीव शास्त्री आदि ने फैसले को वैदिक संस्कृति की जीत बताया तथा हर्ष व्यक्त किया।
लाक्षागृह पर भारी पुलिस बल तैनात
अदालत का फैसला आने के बाद शांति व्यवस्था के मद्देनजर लाक्षागृह परिसर के अंदर व बाहर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। एक सीओ सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। यहां किसी भी बाहरी व्यक्ति के आने जाने पर पूर्ण रोक है। बडौत मेरठ मार्ग पर हिंडन नदी के पुल पर भी पुलिस पिकेट बना दी गई है। जहां जनपद में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को सघन चेकिंग के बाद प्रवेश दिया जा रहा है।