नोएडा। सपा में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर खींचतान जारी है। पार्टी के जनपद के सभी वरिष्ठ नेता बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ पहुंच गए। अखिलेश ने उन्हें शुक्रवार पूर्वान्ह 11 बजे मिलने का समय दिया है।
महेंद्र नागर को फिर से बनाया जा सकता है प्रत्याशी
पार्टी नेताओं के साथ डॉक्टर महेंद्र नागर भी मौजूद है। इस बैठक में प्रत्याशी पर अंतिम निर्णय हो सकता। सूत्रों का यहां तक दावा हैं कि पार्टी हाईकमान बैठक में निर्णय होने तक वर्तमान प्रत्याशी राहुल अवाना को अपना चुनाव प्रचार अभी शुरू न करने को कहा है।
हालांकि, राहुल के समर्थक इससे साफ इन्कार कर रहें हैं। उनका कहना है कि प्रचार शुरू कर दिया गया है। दूसरे गुट का दावा है कि महेंद्र नागर को फिर से प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
2009 के लोकसभा चुनाव में ऐसा कर चुकी है सपा
2009 के लोकसभा चुनाव में भी सपा ऐसा कर चुकी है। तब पहले नरेंद्र भाटी को प्रत्याशी बनाया गया था। नामांकन से एक सप्ताह पहले उनका टिकट काटकर पूर्व विधायक मदन चौहान को दे दिया गया। इसका विरोध हुआ तो तीन दिन बाद फिर से नरेंद्र भाटी को प्रत्याशी बना दिया गया।
सूत्रों के अनुसार इस बार भी सपा अपने इतिहास को दोहरा सकती है। लखनऊ गए नेताओं में महेंद्र नागर के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी, जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी, महानगर अध्यक्ष आश्रेय गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य सुनील भाटी, गजराज नागर, फकीरचंद नागर, वीर सिंह नागर, कृषांत भाटी आदि बताए जा रहें हैं।
2014 के चुनाव में कांग्रेस ने रमेश चंद्र तोमर को उतारा था मैदान में
वहीं दूसरे गुट के लखनऊ पहुंचते ही राहुल अवाना भी अपने आकाओं के दरबार में पहुंच गए हैं। टिकट न कटे, इसके लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी है। उनका गुट पार्टी हाईकमान के सामने तर्क रख रहा है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रमेश चंद्र तोमर को मैदान में उतारा था।
2019 के चुनाव में कांग्रेस ने अरविंद सिंह को दिया था टिकट
वह चुनाव से तीन दिन पहले मैदान छोड़ भाग खड़े हुए और भाजपा में शामिल हो गए। तब डाक्टर महेंद्र नागर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अरविंद सिंह को मैदान में उतारा।
वह भी मतदान से चार दिन पहले गायब हो गए। तब भी महेंद्र नागर ही कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे। राहुल गुट उन पर तोहमत लगा रहा है कि जिलाध्यक्ष रहते वह पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव मैदान से भागने से नहीं रोक सकें।
वहीं महेंद्र नागर गुट के नेताओं ने हाईकमान के सामने तर्क रखा है कि गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर नागर गोत्र के मतदाता बड़ी संख्या में हैं। इसका लाभ महेंद्र नागर को मिल सकता है।
लंबे राजनीतिक अनुभव के कारण हर जाति में उनके संबंध हैं, इसलिए वह भाजपा प्रत्याशी डाक्टर महेश शर्मा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। राहुल को युवा और कम अनुभव होने की बात भी हाईकमान से कहीं गई है। अब देखते हैं कि ऊंट किस करवट बैठेगा, लेकिन चुनाव से पहले ही सपा में रस्सकसी तेज हो गई है।