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साहिबगंज में उफान पर गंगा, तीन साल का टूटा रिकॉर्ड; दहशत में आसपास के लोग


साहिबगंज। Flood In Sahebganj गंगा नदी का जलस्तर रविवार को साहिबगंज में चेतावनी रेखा 26.25 मीटर को पार कर गया। दोपहर तीन बजे जलस्तर 26.28 मीटर मापा गया। इसमें प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही थी। अब गंगा नदी का जलस्तर खतरे का निशान 27.25 मीटर की तरफ बढ़ने लगी है।

बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कई जगह गंगा नदी चेतावनी रेखा पार चुकी है। सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन साल में यहां जुलाई में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा का पार नहीं कर पा रहा था।

पिछले साल नौ अगस्त को गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा काे पार कर 26.26 मीटर पर पहुंचा था। 2022 में 22 अगस्त को जलस्तर 26.25 मीटर व 2021 में 30 जुलाई को जलस्तर 26.26 मीटर रिकॉर्ड किया गया था।

शहर में नाली के रास्ते घुसा गंगा का पानी

जलस्तर बढ़ने से शहर में नाली के जरिए पानी घुसने लगा है। हालांकि, अभी तक कोई परेशानी नहीं हुई है। गंगा का रूप भयावह दिखने लगा है। नगर परिषद क्षेत्र के चानन गांव में कटाव जारी है। शहरी पेयजलापूर्ति योजना की पंप हाउस का दीवाल गंगा में समा चुका है।

पंप हाउस की मशीन हटाने की कवायद जारी है। रामपुर दियारा गांव में पानी घुस चुका है। किसान मवेशी लेकर सूखे स्थान पर पहुंचने लगे हैं। दियारा में घास पतवार डूबने से लोग शहर से सूखी लकड़ी जलावन के लिए ले जा रहे हैं। फेरी सेवा बंद होने से लोग नाव से उफनती गंगा में पार करने को मजबूर है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से दियारा में लगी मक्का, सब्जी, बाजरा की फसल डूब चुकी है। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वे का जिम्मा प्रखंड के सीओ व बीडीओ को सौंपा है। बहुत जल्द संभावित बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन तमाम पदाधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहा है।

टेलिमैट्री से भी गंगा का माप जारी

ओझा टोली गंगा घाट के पास एक घर की छत पर लगी टेलिमैट्री मशीन से भी गंगा का जलस्तर का माप लिया जा रहा है। यह आटोमेटिक सिस्टम है। इसके माध्यम से पटना व दिल्ली से साहिबगंज के जलस्तर पर नजर रखी जाती है। दूसरी ओर ओझा टोली गंगा घाट पर बने सीमेंट के गेज से भी माप ली जाती है। आटोमेटिक टेलिमैट्री से रविवार से मापी शुरू हुई।

क्या कहते हैं साइड इंचार्ज

साहिबगंज में गंगा का जलस्तर रविवार को चेतावनी रेखा को पार कर गया। प्रति घंटा एक सेमी की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। प्रत्येक घंटे पानी की माप ली जा रही है। ओझा टोली गंगा घाट पर मैनुअल तरीके से माप लिया जाता है। दूसरा पास के ही छत पर लगा आटोमैटिक टेलीमैट्री से भी माप लिया जा रहा है। दोनों काे क्रास किया जाता है। टेलीमैट्री से सीधे पटना व दिल्ली से माप रिकॉर्ड होता है।– छोटे लाल मालतो, साइड इंचार्ज, साहिबगंज

यात्रियों का क्या है कहना

बरहड़वा से घर मनिहारी जा रहे हैं। दो घंटा से नाव का इंतजार कर रहे है। गंगा में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। नाव से पार करना निश्चित रूप से जान जोखिम में डालकर पार करने जैसा है। मोटरयुक्त नाव पर क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया जा रहा है जो घातक है। जिला प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए।– मैसूर प्रसाद, यात्री

बाजार आए थे घर का राशन खरीदने। राशन खरीद नाव से रामपुर जाना है। रामपुर गांव में पानी घुस चुका है। जलावन के लिए लकड़ी नहीं मिल रहा है। बाजार से लकड़ी खरीद कर ले जा रहे हैं। अब तक प्रशासन ने सुध नहीं ली है। मवेशी को लेकर चिंता सताने लगी है।एक दो दिन में वहां से निकल जाना होगा।– सुभाष सिंह, यात्री

गंगा घाट का डाक नहीं हुआ है तो जिला प्रशासन को स्वयं जहाज चलवाना चाहिए। प्रशासन की मिलीभगत से नाव समिति वाला यात्री को मनिहारी गंगा घाट ले जा रहा है। अवैध रूप से नाव चला रहे नाविकों को दंडित करना चाहिए। यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है वरना एक दिन बड़ी घटना हो सकती है।– पुसन यादव, स्थानीय