देव दीपावली में शामिल होंगे सीएम योगी, चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन लेजर शो में दिखेगा शिव और गंगा का संगम
आस्था, श्रद्धा और दिव्यता की त्रिवेणी बुधवार को एक बार फिर काशी के घाटों पर प्रवाहित होगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को विश्वविख्यात देव दीपावली महोत्सव में शामिल होंगे । कार्तिक पूर्णिमा की पावन संध्या पर गंगा की लहरों पर झिलमिलाते दीपों का अनंत सागर काशी की आत्मा को आलोकित करेगा। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति भी है। योगी सरकार ने देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। इस वर्ष काशी के घाटों, कुंडों, तालाबों और देवालयों में 25 लाख 10 लाख सरकार की ओर से एवं 15 लाख जन सहभागिता से दीप प्रज्वलित किए जाएंगे, जिनमें से एक लाख से अधिक दीप गाय के गोबर से निर्मित होंगे। प्रशासन की तैयारियों के साथ ही जनसहभागिता इस आयोजन की विशेषता बनी हुई है।
काशी की अद्भुत छटा देखने को उमड़े देशी-विदेशी पर्यटक
देव दीपावली के अलौकिक दृश्य को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक काशी पहुंचे हैं। अनुमान है कि इस बार 25 लाख से अधिक पर्यटक काशी में मौजूद रहेंगे। घाटों, होटलों, गेस्ट हाउसों, नौकाओं और क्रूज़ की अग्रिम बुकिंग पहले ही पूरी हो चुकी है। योगी सरकार ने चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो का आयोजन किया है, जिसमें काशी के पौराणिक भवनों पर शिव और गंगा की कथा सहित धर्म, अध्यात्म और इतिहास के संगम को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा। इसके साथ ही गंगा पार रेत पर पर्यटक 10 मिनट तक ‘कोरियोग्राफ ग्रीन क्रैकर्स शोÓ का आनंद भी ले सकेंगे।
सजावट और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
वाराणसी पुलिस और जल पुलिस ने देव दीपावली की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। शहर को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। बिना अनुमति के ड्रोन, पतंग, पैराग्लाइडर या रिमोट संचालित विमान उड़ाने पर रोक रहेगी। घाटों पर वॉच टावर लगाए गए हैं और सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर से लेन बनाई गई है ताकि नावों का संचालन सुव्यवस्थित हो सके। प्रत्येक पर्यटक के लिए लाइफ जैकेट अनिवार्य की गई है। एनडीआरएफ की टीम, फायर ब्रिगेड, जल पुलिस, चिकित्सक दल और मेडिकल टीमें घाटों पर तैनात हैं। भारी भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक डाइवर्जन और पार्किंग व्यवस्था पहले से लागू कर दी गई है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भव्य सजावट
देव दीपावली के अवसर पर बाबा विश्वनाथ का दरबार विशेष रूप से सजाया गया है। पूरे धाम में फूलों की मालाओं, दीपों और विद्युत सज्जा से अद्भुत वातावरण बना है। ललिता घाट गंगा द्वार को दीपों की मनमोहक श्रृंखला से सजाया गया है। बाबा के दरबार में विशेष पूजा-अर्चना के साथ भक्तों का तांता लगा हुआ है।
‘ऑपरेशन सिंदूरÓ को समर्पित दशाश्वमेध घाट का आयोजन
इस वर्ष दशाश्वमेध घाट पर होने वाली देव दीपावली महाआरती ‘ऑपरेशन सिंधूरÓ को समर्पित रहेगी, जो राष्ट्रीयता और बलिदान का संदेश देगी। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष श्री सुशांत मिश्र के अनुसार, घाट को 21 कुंतल फूलों और 51 हजार दीपों से सजाया जा रहा है। इस अवसर पर कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को ‘भगीरथ शौर्य सम्मानÓ से सम्मानित किया जाएगा। 21 अर्चक और 42 देव कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में माँ गंगा की महाआरती करेंगी। शंखनाद और डमरुओं की निनाद से घाट गूंज उठेंगे।
पौराणिक मान्यता और ऐतिहासिक संदर्भ
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि देव दीपावली का उल्लेख पुराणों में मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, जिसके उपलक्ष्य में देवताओं ने काशी के घाटों पर दीप जलाकर हर्ष मनाया। तभी से यह परंपरा देव दीपावली के रूप में प्रचलित हुई। ऐसी भी मान्यता है कि काशी नरेश ने अपने शहीद सैनिकों की स्मृति में घाटों पर दीप प्रज्वलित करने की परंपरा शुरू की थी। पंचगंगा घाट से प्रारंभ यह परंपरा आज लाखों दीपों के आलोक से संपूर्ण काशी को आलोकित करती है।
इस वर्ष की थीम : ‘ऑपरेशन सिंदूरÓ और ‘जाति-पंथ अनेक, हम सनातनी एकÓ
श्री देव दीपावली एवं आरती महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त ने बताया कि इस वर्ष देव दीपावली की थीम ‘ऑपरेशन सिंदूरÓ, ‘नशा उन्मूलनÓ और ‘जाति-पंथ अनेक, हम सनातनी एकÓ रखी गई है। इस थीम के अंतर्गत घाटों पर सनातन एकता, नारी शक्तिकरण, नशा मुक्ति और राष्ट्रीय एकता के संदेश को सजावट और रंगोलियों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। भोसले घाट, सिंधिया घाट और राम घाट पर ऑपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई देगी। राजघाट के निकट नारी सशक्तिकरण थीम पर विशेष सजावट की गई है। श्रेष्ठ सजावट के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे।
56 घाटों पर आरती, आठ किलोमीटर लंबा उत्सव क्षेत्र
देव दीपावली का आयोजन इस वर्ष 56 गंगा घाटों पर किया जा रहा है। लगभग आठ किलोमीटर लंबे क्षेत्र में एक साथ दीप प्रज्वलन और आरती की जाएगी। गंगा, वरुणा, गोमती के तटों पर भी दीपोत्सव की अद्भुत झिलमिलाहट देखने को मिलेगी।





