ढाका (एजेंसी)। बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत के साथ ही कई जगहों पर हिंसा भड़क उठी है। इस दौरान चिटगांव में विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के उम्मीदवार एरशाद उल्लाह को गोली लगने से घायल हो गए हैं, जबकि कुमिल्ला जिले में उपद्रवियों ने एक अन्य उम्मीदवार के घर में आग लगा दी। वहीं अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बीएनपी उम्मीदवार एरशाद उल्लाह इस हमले के मुख्य निशाने पर नहीं थे, बल्कि एक भटकी हुई गोली से घायल हो गए। सरकार ने बयान जारी कर कहा, हम इस आपराधिक घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं और सभी उम्मीदवारों व नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चिटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस (सीएमपी) को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं ताकि अपराधियों को जल्द पकड़ा जा सके।
मुख्य सलाहकार ने सुरक्षा एजेंसियों को आदेश दिया है कि दोषियों को हर हाल में पकड़कर न्याय के दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, ‘हिंसा और डराने-धमकाने की राजनीति बांग्लादेश की सामाजिक और राजनीतिक संस्कृति में किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।’ सरकार ने सभी राजनीतिक दलों और उनके समर्थकों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और चुनावी प्रक्रिया को सम्मानजनक और शांतिपूर्ण बनाएं। बयान में कहा गया, ‘सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि फरवरी का आम चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, विश्वसनीय और उत्सव जैसा माहौल लिए हो। इस बीच बीएनपी ने जमात-ए-इस्लामी पर चुनावी माहौल खराब करने का आरोप लगाया है। पार्टी के नेताओँ का कहना है कि जमात समर्थित छात्र संगठन की हाल की विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूसीएसयू, आरयूसीएसयू, सीयूसीएसयू) में जीत के बाद देश में अस्थिरता बढ़ी है। बीएनपी उम्मीदवार अनवारुल हक ने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी और कुछ सरकारी सलाहकार मिलकर देश का माहौल खराब कर रहे हैं। कुछ विदेशी ताकतें भी इसमें शामिल हो सकती हैं। हमारे देश के लोग धार्मिक जरूर हैं, लेकिन अतिवाद के खिलाफ हैं। वहीं कुमिल्ला जिले के बीएनपी प्रत्याशी मोनोवार सरकार ने आरोप लगाया कि उनके घर को अज्ञात लोगों ने आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा, ‘शरारती तत्वों ने मेरे घर में कई चीजों को जला दिया। यह साफ संकेत है कि विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है।
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