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तीसरे शाही स्नान में पहुंची लाखों की भीड़, कोरोना संक्रमण को लेकर मेला प्रशासन के हाथ पांव फूले


हरिद्वार: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच हरिद्वार महाकुंभ में आज तीसरा शाही स्नान है. इस दौरान जबरदस्त भीड़ उमड़ी है. जानकारी के मुताबिक, सुबह दस बजे तक करीब पांच लाख लोग पहुंच चुके हैं. शासन प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुये हैं. आपको बता दें कि, मंगलवार को कुंभ में 100 से ज्यादा श्रद्धालु संक्रमित हो गये थे, वहीं, 18 साधु-संत भी कोरोना पॉजिटिव आए हैं.

आज के शाही स्नान में लाखों की भीड़ पहुंची है, इसे देखते हुये प्रशासन सतर्कता बरत रहा है. लेकिन ये संक्रमण रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा. आपको बता दें कि, महाकुम्भ के तीसरे शाही स्नान पर आज निरंजनी अखाड़े ने सबसे पहले स्नान किया. अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानन्द गिरी ने पहली डुबकी लगाई है.

शुरू हुआ अखाड़ों का शाही स्नान

दूसरे नंबर पर जूना अखाड़े के सन्तों ने स्नान किया. अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने डुबकी लगाई. वहीं, तीसरे नंबर पर महानिर्माणि अखाड़ा हर की पौड़ी पहुंचा. वहीं, बैरागी अखाड़ों की पेशवाई छावनी से शाही स्नान के लिए निकली है.

निरंजनी अखाड़े के प्रस्थान करने के बाद तुरंत ही ब्रह्मकुंड घाट पर साफ सफाई करवाई गई. जल पुलिस लगातार समय से सन्यासियों को स्नान करके भेजने में सहयोग कर रही है. निरंजनी अखाड़े के बाद जूना अखाड़ा हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर शाही स्नान करने पहुंचा. जूना अखाड़ा वह अखाड़ा है जिसे नागा साधुओं की संख्या के मामले में सबसे बड़ा अखाड़ा माना जाता है.

जूना अखाड़ा में सबसे ज्यादा नागा सन्यासी

जूना अखाड़े में करीब चार लाख सन्यासी हैं. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज हैं. इसे रूद्र अखाड़ा भी कहा जाता है. जूना अखाड़े के हर की पौड़ी पहुंचने पर पूरा घाट हर हर मां गंगे के नारों से गुंजायमान हो गया. शंख की ध्वनि ने वातावरण को और भी मनमोहक बना दिया. भस्म लपेटे इन नागा सन्यासियों को देखकर भारतीय परंपरा के एक अलग रूप से परिचित हुये.