राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में आज लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दिल्ली में आज बादल छाए रहने और तेज हवाएं चलने से तापमान में कुछ डिग्री की गिरावट आने की संभावना है. शहर में शुक्रवार को सुबह न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान करीब 38 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है.
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो इस मौसम में अब तक का सर्वाधिक तापमान है. न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.5 डिग्री सेल्सियस रहा था. आईएमडी ने बताया कि अगले पांच छह दिन तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलाावा राजस्थान में गरज के साथ हल्की बूंदा-बांदी हो सकते हैं और धूलभरी आंधी आ सकती है.
इस साल मानसून के ‘सामान्य’ रहने का अनुमान
मौसम संबंधी पूर्वानुमान व्यक्त करने वाली निजी एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान देश में 75 प्रतिशत से अधिक वर्षा का योगदान देने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल सामान्य रहेगा. भौगोलिक जोखिम के आधार पर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के कुछ हिस्सों के साथ उत्तरी भारत में इस मौसम में कम बारिश होने की भी आशंका है. स्काइमेट वेदर के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान वर्षा का दीर्घावधि औसत (एलपीए) 103 प्रतिशत रहेगा. इसमें चूक की संभावना पांच प्रतिशत अधिक या कम की है.
शर्मा ने कहा, ”इस तरह, सामान्य मानसून रहने की संभावना है.” उन्होंने कहा कि ‘सामान्य’ मानसून रहने की 60 प्रतिशत संभावना है और ‘सामान्य से ज्यादा’ बारिश की 15 प्रतिशत संभावना है. मासिक आधार पर जून में 106 प्रतिशत वर्षा जबकि जुलाई में 97 प्रतिशत वर्षा की संभावना है. अगस्त और सितंबर में 99 प्रतिशत और 116 प्रतिशत बारिश का अनुमान है. दीर्घावधि औसत के हिसाब से 96-104 प्रतिशत के बीच मानसून को सामान्य माना जाता है और 103 प्रतिशत वर्षा सामान्य रेंज में सबसे अधिक औसत है. लगातार तीसरे वर्ष 2021 में अच्छा मानसून रहेगा. पिछले दो वर्षों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गयी थी.
‘प्रशांत महासागर में ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई’
स्काइमेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) योगेश पाटिल ने बताया कि प्रशांत महासागर में पिछले वर्ष से ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई है और अब तक मिल रहे संकेत इशारा करते हैं कि पूरे मानसून में यह तटस्थ स्थिति में रहेगा. ‘ला-नीना’ प्रभाव का आशय प्रशांत महासागर में पानी के ठंडा होने की स्थिति से है.