रोहिणी व्रत का पर्व जैन समुदाय के लोगों में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह त्यौहार 16 अप्रैल 2021 को मनाया जा रहा है. रोहिणी व्रत, रोहिणी नक्षत्र के दिन मनाया जाता है. इसी के चलते इस व्रत को रोहिणी व्रत कहते हैं.
मान्यता है कि इस व्रत का पालन 3, 5 या 7 सालों तक लगातार किया जाता है. यदि इस व्रत के लिए उचित अवधि की बात करें तो यह अवधि 5 साल 5 महीने की है. इस व्रत का समापन उद्दापन के द्वारा ही किया जाना चाहिए.
ये है पूजा विधि-
रोहिणी व्रत करने वाले को सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करें. उसके बाद नित्य कर्म से निवृत होकर, स्नानादि पानी में गंगा जल मिलाकर करें. उसके व्रत का संकल्प लें.इसके बाद भगवान को जल का अर्घ्य दें. व्रतधारी सूर्यास्त के पहले फलाहार कर लें, क्योंकि सूर्यास्त के बाद किसी प्रकार का भोजन करना रोहिणी व्रत में वर्जित होता है.