सात को ट्रैक्टर रैली
नयी दिल्ली। मौसम पूर्वानुमान के मद्देनजर किसान संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च की तारीख 6 जनवरी की जगह 7 जनवरी कर दिया है. 7 जनवरी को सुबह 11 बजे एक्सप्रेसवे पर किसान चार तरफ से ट्रैक्टर मार्च करेंगे. कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर से पल्लवल की तरफ, रेवासन से पल्लवल की तरफ ट्रैक्टर मार्च होगा. 26 जनवरी को देश जो ऐतिहासिक गणतंत्र परेड देखने वाला है उसका एक ट्रेलर 7 जनवरी को दिखाई देगा. कल से दो हफ़्ते के लिए पूरे देश में देश जागरण का अभियान चलेगा. देश के कोने-कोने में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं, इनको गहरा किया जाएगा ताकि इस झूठ का पर्दाफाश किया जा सके कि ये आंदोलन सिर्फ पंजाब, हरियाणा का है. हरियाणा के किसान नेताओं ने कहा 26 जनवरी के दिल्ली मार्च में हरियाणा के हर गांव से 10 ट्राली और एक घर से एक व्यक्ति मार्च में शामिल होने आए. अगले 15 दिन घर घर जाकर जन जागृति अभियान चलेगा। बता दें कि सोमवार को सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की बैठक हुई लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया. कल की बैठक में ये तय किया गया कि अब अगले यानी आठवें दौर की बैठक 8 जनवरी को होगी. कल की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि कानूनी वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. यानी किसान अभी भी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. किसान आंदोलन के बीच मंगलवार को पंजाब के बीजेपी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. पंजाब बीजेपी के नेता और पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. ज्याणी को पिछले साल तीन कृषि विधेयकों पर पंजाब के किसानों से चर्चा के लिए बीजेपी की ओर से गठित किसान समन्वय समिति की अध्यक्षता सौंपी गई थी. उस समय ये विधेयक संसद से पारित नहीं हुए थे. ग्रेवाल भी इस समिति के सदस्य थे. ग्रेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात पंजाब संबंधी मुद्दों पर थी. उन्होंने इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी.