- वाशिंगटन। : हालिया अध्ययन से ऐसे संकेत मिलते हैं, जिससे यह स्थापित होता है कि मंगल ग्रह पर जीवन मिलने की उम्मीदें बढ़ गई है। वैज्ञानिकों को मानना है कि मंगल ग्रह पर अब भूगर्भीय और ज्वालामुखी सक्रिय होते जा रहे हैं। मंगल ग्रह में इस बदलाव के चलते वैज्ञानिक वहां जीवन की उम्मीद कर रहे हैं। मंगल पर जीवन की खोज के कारण पिछले कुछ वर्षों से दुनिया के कई मुल्कों ने वहां अपने अभियान भेज चुके हैं। अमेरिका में तो नासा के अलावा निजी क्षेत्र भी मंगल पर जाने की गंभीरता से तैयारी कर रहे हैं।
मगंल ग्रह पर जीवन की उम्मीद क्यों
- हाल ही में मगंल ग्रह के बारे में कई चौंकाने वाली बाते सामने आई हैं। लाल ग्रह पर ज्वालामुखी गतिविधि होने के प्रमाण मिले हैं। इतना ही नहीं अलाव यहां सतह के नीचे तरल पानी के होने के प्रमाण भी मिले हैं। मंगल एक बहुत ठंडी जगह है। दो साल पहले एक शोध पत्र में पाया गया था कि पानी के तरल रहने के लिए सतह के नीचे आंतरिक गर्मी बहुत जरूरी है।
- आइसलैंड के ग्लेशियर वाले ज्वालामुखी इलाकों में एक्स्ट्रीमोफाइल बैक्टीरिया पनपते हैं। एरीजोना यूनिवर्सिटी और प्लैनेटरी साइंस इसंटीट्यूट के खगोलविद डेविड होर्वाथ का कहना है कि यह मंगल पर अब तक का खोजा गया सबसे युवा ज्वालामुखी निक्षेप हो सकता है।
- इस नए अध्ययन में मंगल की सतह पर के ज्वालामुखी लक्षणों का नजदीकी अध्ययन से पता चला है कि इलिशीयम प्लैनिटिया पर जमा लावा हाल ही में जमा था और यह समय करीब 50 हजार साल पहले का ही है। भूगर्भीय समय के पैमाने पर यह एक बहुत ही कम समय है। इसका मतलब यह है कि मंगल हाल ही एक आवासीय ग्रह था, क्योंकि इस इलाके हिस्से पृथ्वी के आइसलैंड जैसे ग्लेशियर वाले इलाके की ज्वालामुखी घटनाओं वाले इलाकों जैसे हैं।