- नई दिल्ली, । भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Case) में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया। इसके बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा। 2018 महाराष्ट्र भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी गौतम नवलखा की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। गौतम नवलखा की ओर से याचिका में कहा गया था कि गिरफ्तार करने के 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं हुई थी। इससे पहले हाई कोर्ट ने माना था कि उन्हें गिरफ्तार कर 34 दिन घर पर रखा गया। 90 दिन की सीमा इस मामले में लागू नहीं होती।
28 अगस्त, 2018 को नवलखा को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन उन्हें हिरासत के बजाए उन्हें 28 अगस्त से एक अक्टूबर, 2018 तक घर में नजरबंद रखा। अभी वे नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद हैं। नवलखा ने विशेष एनआइए अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के 12 जुलाई, 2020 के आदेश को पिछले साल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने हिरासत में 90 दिन बिताने और इस दौरान अभियोजन की ओर से आरोपपत्र दाखिल नहीं किए जाने के आधार पर डिफॉल्ट जमानत मांगी थी। इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर, 2018 को नवलखा की नजरबंदी को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया था।