अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि कोटेशन भेजने वाली तीन कंपनियों में से दो विदेशी हैं. जबकि, एक कंपनी भारत की ही है. सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए टेंडर जारी किए थे. जिसमें से कंपनियों ने 3500 मीट्रिक टन के कोटेशन सरकार को भेजे हैं. साथ ही कंपनियों ने 3 महीनों में ऑक्सीजन डिलीवरी की बात कही है. जबकिस सरकार तीन हफ्तों में ऑक्सीजन प्राप्ति की उम्मीद में थी.
रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर के एसएसबी क्रायोजेनिक इक्विपमेंट ने 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करने की पेशकश की है. जबकि, अबुधाबी के गल्फ इंडस्ट्रियल गैसेज ने कहा है कि वे 1800 मीट्रिक टन सप्लाई कर सकते हैं. वहीं, तीसरी कंपनी अल्ट्रा प्योर गैसेज गुजरात की है, जिसने 1500 मीट्रिक टन सप्लाई की बात कही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात की कपंनी ने एकमात्र ‘सफल कोटेशन’ रही है, जिसने इस महीने 500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए राजी हो गई है.