जाले (दरभंगा)(आससे)। कृषि विज्ञान केंद्र जाले द्वारा जलवायु अनुकूल खेती परियोजना अंतर्गत विभिन्न किसानों के खेतों में गुरुवार को शून्य जुताई यंत्र द्वारा लगाए गए गेहूं की फसलों का भ्रमण केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरपी प्रसाद एवं डॉ. एपी राकेश के नेतृत्व में केंद्र में चल रहे 15 दिवसीय समेकित पोषण प्रबन्धन एवम पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन तकनीकी व बीज उत्पादन तकनीकी के प्रशिक्षण में भाग ले रहे 70 प्रशिक्षणार्थियों ने भ्रमण किया।
इस दौरान वैज्ञानिकों ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को पारंपरिक विधि एवं शून्य जुताई विधि द्वारा गेहूं उत्पादन तकनीक पर चर्चा किया एवं लाभार्थी किसानों प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों का अंतर दिखाया।
लाभार्थी किसानों ने जहां शून्य तकनीक विधि से लगाए गए गेहूं की फसल की वर्तमान स्थिति पर प्रसन्नता जाहिर की, वही सभी प्रशिक्षणार्थियों ने यह माना कि शून्य जुताई विधि से लगाए गए गेहूं की फसलों की स्थिति पारंपरिक विधि से अधिक उन्नत है एवं प्रति पौधे कल्लू की संख्या अधिक है।
इस दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि इस नवीन विधि से किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान केंद्र के डॉ. चंदन कुमार, अभय कुमार समेत अन्य कर्मी उपस्थित थे।