दरअसल कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर स्वतंत्र जांच की मांग अमेरिका की नई रिपोर्ट के बाद और तेज हुई है जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूआईवी के कुछ शोधकर्ता चीन द्वारा 30 दिसंबर 2019 को कोविड-19 के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बीमार पड़ गए थे. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अपनी दूसरे चरण की जांच शुरू करने की तैयारी में है. ऐसे में चीन पर अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को अधिक पहुंच देने का दबाव है. क्योंकि कई हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस वुहान में रिसर्च की विशेषज्ञता वाली प्रयोगशाला से लीक हुआ है.
चीन ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए प्रयोगशाला जिम्मेदार थी. चीनी दूतावास ने गुरुवार को कहा है कि कुछ राजनीतिक ताकतों को राजनीतिक जोड़तोड़ और दोषारोपण के खेल में लगाया गया है.