पटना

बिहारशरीफ: गर्मी, बरसात या हो ठंड या फिर लॉकडाउन पेड़ लगाने के लिए समर्पित है मिशन हरियाली नूरसराय


पर्यावरण के लिए नहीं बल्कि लोग अपने लिये लगाये पौधा और बनाये पेड़ : राजीव रंजन

बिहारशरीफ (आससे)। पर्यावरण के लिए नहीं अपितु अपने लिये लगाये पेड़, यह नारा दिया है हरियाली मिशन नूरसराय के राजीव रंजन ने। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस चंद दिन बाद है। ऐसे में लोग पर्यावरण की रक्षा के नाम पर ना केवल पेड़ लगाकर औपचारिकता निभाये बल्कि लोग अपने लिये पेड़ लगाये ताकि मौजूदा समय में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा जिला, प्रदेश, देश और दुनिया के लोगों को आगे चलकर ऑक्सीजन की तलाश न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि कोविड के जरिये प्रकृति ने एक बार फिर से लोगों को आगाह किया है। लोगों को सतर्क होना होगा और अपने लिये पेड़ लगाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पौधा लगाकर लोग औपचारिकता ना निभाये बल्कि उसे पेड़ बनने तक सहेजे, संवारे ताकि उनके द्वारा लगाया गया पौधा उद्देश्यों में सफल हो।

हरियाली मिशन नूरसराय पिछले कई वर्षों से लगातार लोगों के बीच निःशुल्क पौधा का वितरण करती रही है। इसके साथ ही लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करती है। खास बात यह है कि हरियाली और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और समर्पित मिशन के कार्यकर्ता लोगों को पेड़ के फायदे, उसके रखरखाव के तरीके को भी बताते है। तभी तो चंद लोगों द्वारा नूरसराय की सड़कों पर पेड़ रोपने से हुई शुरुआत आज पेड़ लगाने का कारवां बन गया। नालंदा, नवादा, शेखपुरा और पटना जिला ही नहीं बल्कि अब मिशन के लोग झारखंड के कई जिला में भी निःशुल्क पौधा वितरण कर वृक्षारोपण करवा रहे है।

मिशन द्वारा एक जून को बधार के ग्रामीणों के बीच अमरूद, बेल, कटहल और शरीफा का पौधा बांटा गया। 02 जून को भी बिहारशरीफ के लोगों के बीच 100 पौधे का वितरण किया। 02 जून को ही हिलसा प्रखंड के यारपुर गांव के लोगों को 450 अमरूद, 50 कटहल और 05 बेल का पौधा निःशुल्क दिया गया। 03 जून को मिशन हरियाली द्वारा ग्राम परासी के फौज से सेवानिवृत्त पर्यावरण प्रेमी राजगीर निवासी शब्दस्वरूप को महोगनी का 40 पौधा दिया गया।

पहले मिशन के लोग जिले के सरकारी और निजी स्कूलों, फिर बैंकों, चिकित्सकों एवं अन्य माध्यम जहां लोगों का आने-जाने का सिलसिला अधिक होता है के द्वारा अधिक से अधिक पेड़ बांटा गया, लेकिन लॉकडाउन के बाद मिशन हरियाली के कार्यकर्ता लगातार गांव का रूख कर चुके है। किसानों को फलदार पौधे के अलावे उनकी इच्छा को देखते हुए इमारती लकड़ी जैसे महोगनी आदि के पौधे भी दिये जा रहे है। खाली पड़े सरकारी जमीनों पर मिशन के लोग पीपल, बड़ जैसे बड़े वृक्ष भी लगा रहे है। मिशन हरियाली के लोग तो अब कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में भी पौधा बांटने लगे है, जिसकी बस एक ही वजह है वहां लोगों का आमद-रफ्त अधिक है।

नूरसराय हरियाली मिशन किसी के सहयोग के मुहताज नहीं है। अपने बलबूते कार्यकर्ताओं का यह कारवां अब बहुत ही आगे चल पड़ा है। हालांकि कई लोग अब इस अभियान में अपनी आहूति देने के लिए आगे आ रहे है, लेकिन समर्पण भाव से चलाये जा रहे मिशन हरियाली के लोग पर्यावरण के प्रति अपने को समर्पित कर रखे है।