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IMA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स के लिए बनाया जाए सुरक्षित माहौल


  • इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association-IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है, जिसमें IMA की दलीलों को हल करने और मेडिकल कर्मचारियों के लिए बिना किसी डर के काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है. IMA ने अपने इस पत्र के जरिए कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान उसकी सेवाओं और योगदान के बारे में बताया, साथ ही कई पॉइंट्स में अपनी शिकायतों पर उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया है.

IMA ने अपने पत्र में लिखा है-

  • “साल 1928 में अपनी स्थापना के साथ ही IMA भारत में आधुनिक चिकित्सा पेशेवरों का सबसे बड़ा संघ है, जिसने देश की आजादी के संघर्ष में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था. IMA अपनी अलग-अलग शाखाओं में मेडिकल साइंस के प्रचार और उसके विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और इसका मकसद स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा में सुधार और सम्मान को बनाए रखना है. कोरोना महामारी के दौरान ये संगठन लाखों लोगों को संक्रमण से बचाने में सक्षम रहा है और कोरोना से अपनी लड़ाई में इस संगठन ने अपने 1400 से ज्यादा युवाओं को भी खोया है.”
  • “इस महामारी के दौरान IMA के तीन लाख से ज्यादा कोरोना वॉरियर्स फ्रंटलाइन पर अपनी सेवा दे रहे हैं. इसी के साथ, हम इस महामारी में आपके नेतृत्व और परोपकारिता के लिए अपना आभार जताते हैं. कोरोना की दूसरी लहर ने हमारे देश को बुरी तरह प्रभावित किया है और इस दौरान देश को एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना भी करना पड़ा है. ऐसे में इस संगठन के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं ने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में तेजी से वृद्धि करने के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई आदि में भी अपना योगदान दिया है.”
  • “महामारी से निपटने के लिए आपने जो टीकाकरण अभियान शुरू किया है, ये कोरोना संक्रमण के कई लक्षणों से बचाने में सहायक साबित हुआ है. इस तरह IMA पहले दिन से ही देश में टीकाकरण अभियान को बढ़ाने के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा रहा है. अब हम एक बार फिर से आपका ध्यान उन घटनाओं की तरफ खींचना चाहते हैं, जिन्होंने हाल ही में हमें गहरा दुख पहुंचाया है. इस महामारी के दौरान देश के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से हमें गहरा दुख हुआ है.”
  • “असम में हमारे युवा डॉक्टर पर हमला या अन्य जगह पर महिला डॉक्टर के खिलाफ भी हिंसा जैसे घटनाएं स्वास्थ्यकर्मियों के बीच एक मानसिक तनाव पैदा कर रहे हैं. जबकि इस महामारी के दौरान कई युवा डॉक्टर ने हजारों लोगों की सेवा कर अपनी जान गवाई है. और केवल डॉक्टर ही नहीं नहीं, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों को भी इस संकट ने काफी प्रभावित किया है. कई ऐसे भी मामले देखने में आए हैं, जहां पति और पत्नी दोनों डॉक्टर होने के कारण उनकी मौत हो जाने के बाद वे अपने बच्चों को अनाथ छोड़कर ही इस दुनिया से चले गए हैं.”
  • “IMA ऐसे सभी मामलों को इकट्ठा कर समय-समय पर अपने अधिकारियों को सौंपता आ रहा है और हम इन सभी परिवारों के लिए सभी के समर्थन की मांग करते हैं. आज इस पत्र के जरिए हम आपसे मांग करते हैं कि एक ऐसा सुरक्षित वातावरण या माहौल तैयार किया जाए, जिससे कि स्वास्थ्यकर्मी बिना किसी डर के काम कर सकें और इसके लिए आपके हस्तक्षेप की जरूरत है. हम मानते हैं कि जब आप जैसा मजबूत नेता इस कार्यक्रम का नेतृत्व करेगा, तभी पूरा लाभ सभी लोगों तक पहुंचेगा.”

IMA ने पीएम मोदी से इन मामलों पर अपील की है-

  1. हेल्थ वर्कर्स के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाया जाए, ताकि वे सभी बिना किसी डर के काम कर सकें.
  2. डॉक्टरों पर लगातार और चल रहे शारीरिक और मानसिक हमले को रोकने के साथ-साथ कुछ लोगों की तरफ से आधुनिक चिकित्सा और टीकाकरण के खिलाफ गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री तत्काल हस्तक्षेप करें.
  3. कोई भी व्यक्ति कोरोना महामारी से लड़ने में सहायक टीकाकरण अभियान के खिलाफ गलत सूचना फैलाता है, उसे महामारी रोग अधिनियम, 1897, भारतीय दंड संहिता के आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों समेत कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए.