- इस्लामाबाद. आतंकवाद को हमेशा से पनाह देने वाले पाकिस्तान को एक बार फिर से झटका लगा है और वह एक बार फिर से एफएटीएफ (FATF) की ग्रे सूची से बाहर निकलने में नाकामयाब रहा है. इस बीच पाकिस्तान (Pakistan) ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा दी गई नयी कार्य योजना को वह 12 महीने में लागू करेगा. मनी लॉन्ड्रिंग यानी धन शोधन गतिविधियों और आतंकवाद को मुहैया होने वाले धन की निगरानी करने वाले इस वैश्विक संगठन द्वारा पाकिस्तान को ‘ग्रे (संदिग्ध) सूची में बरकरार रखे जाने के बाद यह बयान आया है.
धन शोधन पर रोक लगाने में पाकिस्तान के नाकाम रहने को लेकर एफएटीएफ ने यह कदम उठाया है. उसने पाकिस्तान से हाफिज सईद और मसूद अजहर सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों के कमांडरों तथा वरिष्ठ नेताओं को अभियोजित करने कहा है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को भी दूर करने करने कहा है. संघीय ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर के हवाले से जियो टीवी ने कहा , ‘पिछली कार्य योजना आतंकवाद रोधी थी और नयी कार्य योजना धन शोधन रोधी होगी.’ मंत्री ने कहा कि सरकार धन शोधन रोधी योजना में जिक्र किये गये बिंदुओं को अगले 12 महीने में लागू करेगी.
दरअसल, पेरिस स्थित एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने डिजिटल माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार धन शोधन को रोकने में नाकामयाब रही है जिससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद का वित्त पोषण होता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, ‘इन्क्रीज्ड मॉनिटरिंग लिस्ट’ (निगरानी की सूची) में रहेगा जिसे ‘ग्रे सूची के नाम से भी जाना जाता है. प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान को 2018 में जिन 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का लक्ष्य दिया गया उसमें से 26 पर कार्रवाई की गई है.