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टूट गया मो फराह का आखिरी ओलिंपिक खेलने का सपना,


  • चार बार के ओलिंपिक चैंपियन चाहते थे कि वह टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) के साथ अपने करियर का अंत करें लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. मो फराह (Mo Farah) मैनचेस्टर में 10 मीटर के क्वालिफाइंग राउंड का मार्क हासिल करने में नाकाम रहे. फराह के ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए ही ब्रिटिश चैंपियनशिप (Britain Championship) में एक खास रेस आयोजित की गई थी फराह ने रेस तो जीत ली लेकिन उनका समय क्वालिफाइंग मार्क से 20 सेकंड कम रहा.

मो फराह ने साल 2012 में लंदन में हुए ओलिंपिक खेलों में 5 हजार मीटर और 10 हजार मीटर में गोल्ड हासिल किया था. इसके बाद साल 2016 में रियो में हुए ओलिंपिक खेलों में भी उन्होंने दोनों इवेंट में गोल्ड जीता था. इसके बाद उन्होंने मैराथॉन में हिस्सा लेना शुरू किया लेकिन उन्हें कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई जिसके बाद वह इस इवेंट में लौट आए.

टोक्यो ओलिंपिक के लिए नहीं कर पाए क्वालिफाई

ब्रिटिश 10 हजार की चैंपियनशिप में फराह के पांव में चोट लग गई थी. पांच जून को हुई इस रेस में भी वह ओलिंपिक क्वालिफाई नहीं कर पाए थे. रेस के बाद फराह ने कहा, ‘मैं खुद को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि मेरा करियर इतना लंबा रहा. आज मेरे पास जो भी है मैं उसके लिए शुक्रगुजार हूं.’ हालांकि फराह ने अपने रिटायरमेंट को लेकर कुछ नहीं कहा, उन्होंने आगे कहा, ‘यह मुश्किल रेस थी. मैंने हमेशा कहा है कि अगर मैं सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को टक्कर नहीं दे सकता तो मैं रेस में जाऊंगा ही नहीं. आज मुझे लगा मैं टक्कर नहीं दे पाया.’

सोमालिया में पैदा हुए फराह ने ब्रिटेन के लिए जीता गोल्ड

29 साल के मो फराह सोमालिया में पैदा हुए, लेकिन आठ साल की उम्र में ही वह इंग्लैंड चले आए थे. स्कूली दिनों से ही उन्हें दौड़ने का शौक था. 2001 में उन्होंने जूनियर यूरोपियन चैंपियनशिप में 5000 मीटर की दौड़ का स्वर्ण जीतकर वह चर्चा में आए थे. 2006 में जुलाई महीने में उन्होंने यूरोपियन चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए 5000 व 10000 मीटर की दौड़ का गोल्ड मेडल जीता. वह यह कारनामा करने वाले इंग्लैंड के पहले एथलीट थे. इसके बाद उन्होंने सबसे पहले लंदन ओलिंपिक में हिस्सा लिया और वहां दो गोल्ड जीते.