- ओडिशा सरकार (Odisha Government) को केंद्रपाड़ा जिले में सिद्ध बलदेव जी की रथ यात्रा की अनुमति देने के लिए मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इसकी मांग की गई है.जबकि पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा 12 जुलाई को कोविड दिशानिर्देशों के साथ निर्धारित की गई है.
सिद्ध बलदेव जी मंदिर के सेवादारों में से एक मदन पात्री ने शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर की, जब ओडिशा उच्च न्यायालय (High Court) ने राज्य सरकार द्वारा भक्तों के बिना रथ यात्रा की अनुमति देने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. ओडिशा हाई कोर्ट ने 23 जून को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पुरी के अलावा केंद्रपाड़ा और बरगढ़ में निकाले जाने की मांग को लेकर दाखिल 5 याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
यात्रा में सिर्फ सेवादार ही होंगे शामिल
याचिकाकर्ताओं ने केंद्रपाड़ा जिले के साथ-साथ बरगढ़ के भटली में रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने के लिए ओडिशा सरकार को निर्देश देने की मांग की थी. याचिका में यह भी कहा गया था कि इस रथ यात्रा में सिर्फ सेवादार ही शामिल होंगे और कोविड-19 नियमों का पालन किया जाएगा.पुरी के अलावा अन्य किसी भी जगह पर रथयात्रा निकालने की अनुमति सरकार ने नहीं दी है, ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। इसके बाद इन सेवकों ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है
250 साल पुराना बलदेव जी मंदिर कुजंग के राजा, राजा गोपाल संधा द्वारा 1761 में ओडिशा में मराठा शासन के दौरान बनाया गया था. जबकि भगवान जगन्नाथ पुरी में प्रमुख देवता हैं, उनके बड़े भाई, भगवान बलभद्र मुख्य देवता हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के बीच पिछले साल रथ यात्रा की अनुमति देते हुए कहा था कि इसमें आम लोगों की भागीदारी नहीं होगी और पुरी के सभी एंट्री प्वाइंट बंद रहेंगे. साथ ही 500 से ज्यादा सेवकों को इस दौरान रथ खींचने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें इससे पहले कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.