- जम्मू एयरबेस पर ड्रोन के जरिए विस्फोट के बाद से लगातार जम्मू के इलाके में ड्रोन देखे जा रहे हैं. लगातार चौथे दिन जम्मू में कालूचल कुंजवनी में ड्रोन दिखाई दिए. इसके बाद से सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं. ड्रोन के खतरे को देखते हुए जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम जैमर जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. सूत्रों से मुताबिक एनएसजी की ओर से इसे तैनात किया गया है. बता दें कि पिछले 4 दिन में करीब अब तक 7 ड्रोन दिखाई दे चुके हैं, जो जम्मू में अलग अलग सैन्य ठिकानों के पास नजर आए.
ड्रोन दिखने की दूसरी घटना
बताया जा रहा है कि कालूचक कुंजावनी में बुधवार तड़के डिफेंस कैंप के पास संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी गई. कलुचक इलाके में आज सुबह करीब 4 बजकर 40 मिनट पर गोस्वामी एन्क्लेव के पास संदिग्ध ड्रोन नजर आया. इसके बाद फिर करीब 4 बजकर 52 मिनट पर कुंजवानी इलाके में एयरफोर्स सिग्नल के पास भी ड्रोन देखा गया. बताया जा रहा है कि ये ड्रोन करीब 800 मीटर की ऊंचाई पर था. आपको बता दें कि इन दोनों इलाकों में ड्रोन दिखने की यह दूसरी घटना है.
इससे पहले मंगलवार रात को जम्मू के रत्नुचक इलाके के कुंजवानी में संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी गई. जबकि सोमवार की रात कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर तड़के 3 बजे 2 ड्रोन देखे गए. हालांकि एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले के बाद से ही अलर्ट सेना ने इस पर तुरंत एक्शन लिया ड्रोन देखते ही उस पर 20 से 25 राउंड की फायरिंग की. फायरिंग के बाद रात के अंधेरे में ड्रोन गायब हो गए.
एनएसजी कर रही मामले की जांच
वहीं जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले की जांच मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने संभाल ली है. भारतीय वायुसेना स्टेशन पर रविवार तड़के हुए अपनी तरह के ऐसे पहले आतंकवादी हमले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने किया है. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुरूप एनआईए ने कहा कि उसने 27 जून की तारीख में सतवारी थाने में पुन: मामला पंजीकृत किया है. एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है.