पारा लुढक़ कर पहुंचा 7.6 डिग्री सेल्सियस
पटना (आससे)। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में भारी बफबारी और पश्चिम से आ रही बर्फीली हवा से राजधानी के मौसम में एक बार फिर बदलाव आ गया है। इससे ठंड में वृद्धि के साथ-साथ कनकनी भी लोगों को सता रही है। शुक्रवार से ठंड में और वृद्धि होने के आसार हैं। इस बार लोगों को मकर संक्रांति का त्योहार कनकनी के बीच ही मनाना पड़ेगा। बुधवार को सुबह घना कुहासा छाया रहा। इसके कारण दृश्यता काफी कम हो गयी थी।
हालांकि, दिन चढऩे के साथ-साथ कुहासा छंटता गया और धूप निकल आयी। लेकिन, बर्फीली हवा चलने के कारण धूप में भी लोगों को कनकनी सताती रही। लोग स्वेटर, जैकेट, मफलर, टोपी पहन कर ही घरों से निकलते। दिन में भी लोग कई जगहों पर अलाव जलाकर ठंड से बचने की जुगत में दिखे। अपराह्न चार के बाद सूर्यदेव अपने अस्त होने के मार्ग पर बढऩे लगे। इसके साथ ही ठंड और कनकनी भी बढ़ती गयी। शाम होने के बाद तो यह और भी बढ़ गयी।
खासकर, रात में अलाव पर नजर पड़ते ही वहां से गुजर रहे राहगीरों के पांव ठिठक जाते। वे वहां कुछ देर रुक कर अपने शरीर को गरम करते, उसके बाद अपने गंतव्य स्थल की ओर निकल पड़ते। ठंड और कनकनी का असर मानव के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी दिखा। वे भी ठंड और कनकनी से बेहाल नजर आये। इधर, ठंड बढऩे के साथ ही गीजर, ब्लोअर की बिक्री एक बार फिर बढ़ गयी।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बुधवार को राजधानी का न्यूनतम ७.६ और अधिकतम तापमान १९ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अगले छह दिनों तक न्यूनतम और अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस का उतार-चढ़ाव होगा। लेकिन, बर्फीली हवा के कारण ठंड के साथ-साथ कनकनी रुलाती रहेगी। गुरुवार को सुबह में राजधानी कुहासे के चादर में लिपटी रहेगी। उसके बाद आकाश बिल्कुल साफ हो जायेगा। धूप भी निकलेगी।