सिडनी (एजेन्सियां)। महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का मानना है कि मौजूदा पीढ़ी के स्पिनरों में सिर्फ रविचंद्रन अश्विन ही ७००-८०० विकेट तक पहुंच सकते हैं और आस्ट्रेलिया के नाथन लियोन वहां तक पहुंचने के काबिल नहीं हैं। मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक ८०० विकेट हैं जबकि शेन वार्न (७०८) दूसरे और अनिल कुंबले (६१९) तीसरे स्थान पर हैं। मुरलीधरन ने कहा अश्विन के पास मौका है क्योंकि वह बेहतरीन गेंदबाज है। उनके अलावा कोई और गेंदबाज ८०० तक नहीं पहुंच सकता। नाथन लियोन में वह काबिलियत नहीं। वह ४०० विकेट के करीब है लेकिन वहां तक पहुंचने के लिये काफी मैच खेलने होंगे। अश्विन ने ७४ टेस्ट में ३७७ विकेट लिये हैं जबकि लियोन ९९ टेस्ट में ३९६ विकेट ले चुके हैं। मुरलीधरन ने कहा टी-२० और एकदिनी क्रिकेट से सब कुछ बदल गया। जब मैं खेलता था तब बल्लेबाज तकनीक के धनी होते थे और विकेट सपाट रहते थे। अब तो तीन दिन में मैच खत्म हो रहे हैं। मेरे दौर में गेंदबाजों को नतीजे लाने और फिरकी का कमाल दिखाने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते थे। उन्होंने कहा आजकल लाइन और लैंग्थ पकड़े रहने पर पांच विकेट मिल ही जाते हैं क्योंकि अक्रामक खेलते समय बल्लेबाज लंबा नहीं टिक पाते। मुरलीधरन ने वार्न, कुंबले, सकलेन मुश्ताक, मुश्ताक अहमद और बाद में हरभजन सिंह के समय में क्रिकेट खेली। उन्होंने कहा उस समय स्पिनरों को विकेट के लिये बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। यही वजह है कि दूसरी गेंदें तलाशने पर काम करते थे । अब टी-२० के आने से विविधता में बदलाव आया है। मुरलीधरन ने डीआरएस के आने के बाद सिर्फ एक शृंखला २००८ में भारत के खिलाफ खेली और उनका मानना है कि उस समय इस तकनीक के इस्तेमाल से उनके विकेट और अधिक होते ।
उन्होंने कहा ,” मैं यही कहूंगा कि डीआरएस होता तो मेरे नाम और भी विकेट होते क्योंकि तब बल्लेबाज पैड का इस्तेमाल इतनी आसानी से नहीं कर पाते । उन्हें संदेह का लाभ मिल जाता था ।