नयी दिल्ली (एजेंसी)। देश में बच्चों के लिए पहली कोरोना वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने वाली है। जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मांगी है। सरकार की ओर शुक्रवार को बताया गया है कि जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी की मंजूरी पर फैसला जल्द ही होने की उम्मीद है। यह वैक्सीन 12 साल से ऊपर के लोगों के लिए बनाई गई है। इसके तीसरे चरण के ट्रायल पूरे हो चुके हैं। इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद यह देश की पांचवी कोरोना वैक्सीन होगी।
वैक्सीन जायकोव-डी वैक्सीन को जायडस कैडिला कंपनी ने तैयार किया है। कंपनी ने अपनी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अर्जी दी है। बता दें कि यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन होगी जो 12 से 18 साल के बच्चों के लिए भी उपलब्ध होगी। जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी देश में बच्चों की पहली वैक्सीन है।
इस वैक्सीन के 3 डोज दिए जाएंगे। दूसरा डोज. पहली डोज के 28 दिन बाद लगेगा जबकि तीसरा डोज 56 दिन बाद लगाया जाएगा। कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक़, इस वैक्सीन को 28 दिन के अंतराल में तीन डोज़ में दिया जाएगा जबकि अब तक उपलब्ध वैक्सीन में सिर्फ दो डोज़ में दी जा रही हैं।
तीसरे चरण के ट्रायल के बाद आए नतीजों में ये वैक्सीन कोरोना संक्रमण रोकने में 66.6 फीसदी प्रभावी पाई गई है। गंभीर संक्रमण से बचाने में 100 फीसदी असरदार है। जायडस कैडिला का दावा है कि उसकी वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर भी प्रभावी है। जायकोव-डी के फेज-3 ट्रायल 28,000 लोगों पर किए गए थे। इनमें 1000 ऐसे थे, जिनकी उम्र 12-18 साल थी।
भारत सरकार ने बीते शनिवार सुप्रीम कोर्ट को वैक्सीन उपलब्धता से जुड़े आंकड़े देते हुए बताया है कि ज़ायकोव-डी वैक्सीन जुलाई–अगस्त तक 12 वर्ष से ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। कंपनी के मुताबिक, शुरुआती दिनों में हम एक महीने में इस वैक्सीन के 1 करोड़ डोज तैयार करने जा रहे हैं।
जायकोव-डी को मंजूरी मिलती है तो यह देश में पांचवीं वैक्सीन होगी। कोवैक्सीन, कोविशील्ड पहली दो वैक्सीन है। स्पूतनिक-भी भी भारत में उपलब्ध है। हाल में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।