पटना

बिहार में एक्सप्रेस-वे समेत छह सडक़ों का काम तेज होगा


औरंगाबाद से दरभंगा के बीच बनने वाले एक्सप्रेस वे का रास्ता साफ

पटना (आससे)। औरंगाबाद से दरभंगा के बीच बनने वाले बिहार के पहले एक्सप्रेस वे का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, पटना से आरा होते हुए सासाराम तक बनने वाली नई सडक़ के लिए भी पैसे की कमी नहीं होगी। सोमवार को केंद्रीय बजट में जिस भारतमाला परियोजना का जिक्र केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है, उसके तहत बिहार में 700 किलोमीटर से अधिक की छह सडक़ों का निर्माण होना है। बजट में भारतमाला परियोजना के तहत चयनित सडक़ों के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है।

भारतमाला परियोजना के तहत बिहार में 10 पैकेज में आधा दर्जन सडक़ों का निर्माण होना है। इनमें कुछ का काम शुरू हो चुका है तो कुछ की डीपीआर तैयार हो रही है। देशव्यापी देखें तो 5.35 लाख करोड़ की लागत वाली भारतमाला परियोजना के तहत 3.3 लाख करोड़ की 13 हजार किलोमीटर से भी अधिक लंबी सडक़ों के ठेके पहले ही दिये जा चुके हैं। इनमें से 3800 किलोमीटर लंबी सडक़ों का निर्माण हो चुका है। मार्च 2022 तक 8500 किलोमीटर लंबी सडक़ों के लिए और ठेके जारी होंगे। इनमें बिहार की कुछ परियोजनाओं का ठेका जारी होना तय है।

साथ ही सरकार 11 हजार किलोमीटर और लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तय की है।  भारतमाला परियोजना के तहत बिहार में आरा-मोहनियां सडक़ का निर्माण दो पैकेज में हो रहा है। 115 किलोमीटर लंबी इस सडक़ के निर्माण पर 1400 करोड़ खर्च होंगे। भजनपुर-केसारे-सिशुआना से किशनगंज जाने वाली 104 किलोमीटर लंबी सडक़ का निर्माण होना है, जिस मद में 1500 करोड़ खर्च होंगे। इसी तरह औरंगाबाद से दरभंगा के बीच बनने वाली बिहार की पहली एक्सप्रेस-वे परियोजना का काम भी भारतमाला परियोजना के तहत होना है। 250 किलोमीटर से अधिक लंबी इस सडक़ परियोजना की अभी डीपीआर बनायी जा रही है। अदरबारी-मानिकपुर खंड का काम भी इसी परियोजना के तहत होना है।

पटना से आरा होते हुए सासाराम जाने वाली नयी सडक़ का निर्माण भी भारतमाला परियोजना के तहत होना है। इसके अलावा पटना एम्स से अदालवारी और कच्चीदरगाह से रामनगर के बीच भी 14 किलोमीटर लंबी सडक़ का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत ही होना है। बजट में पर्याप्त राशि होने से इन परियोजनाओं को अब और गति मिलेगी।