- अहमदाबाद। इन दिनों गुजरात में सरकारी नौकरी से मुक्त कर दिए गए एक कर्मचारी का ड्रामा आमजन की भावनाएं भड़काने वाला है। राज्य के जल संसाधन विभाग के सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी में अधीक्षण अभियंता के तौर पर वडोदरा कार्यालय में कार्यरत रहा शख्स खुद को भगवान विष्णु का कल्कि अवतार बताता है। वह कहता है कि, “मेरे पास दिव्य शक्तियां हैं और यदि मुझे तत्काल ग्रेच्युटी नहीं दी गई तो तबाही मचा दूंगा। दुनिया सूखा से जूझ रही होगी।”
इतना ही नहीं, वो यह भी कहता है कि, सरकार में राक्षस बैठे हैं और वे मुझे परेशान कर रहे हैं। मेरी बात मानें…वरना अपनी दिव्य शक्तियों का उपयोग करके मैं सूखा ला दूंगा। चूंकि बारिश लाने का काम मैं करता हूं।”
ऐसी बातें करने वाले शख्स का नाम है- रमेशचंद्र फेफर। बीते 1 जुलाई को रमेशचंद्र फेफर ने जल संसाधन विभाग के सचिव के नाम एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा, “सरकार में बैठे राक्षस मेरे 16 लाख रुपए नहीं दे रहे और ग्रेच्युटी रोककर मुझे परेशान कर रहे हैं।”
पत्र में उसने यह भी लिखा, “भारत में एक साल तक सूखा नहीं पड़ी और पिछले बीस सालों में अच्छी वर्षा के कारण देश को 20 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ। इसके बावजूद मुझे मेरा हक नहीं दिया जा रहा। ये सरकार में बैठे राक्षस मुझे परेशान कर रहे हैं। तो मैं इस साल दुनियाभर में भयंकर सूखा लाने जा रहा हूं।” उसने कहा, मैं भगवान विष्णु का 10वां अवतार हूं और सतयुग में पृथ्वी पर शासन कर चुका हूं।”
इस मामले पर गुजरात में जल संसाधन विभाग के सचिव एम.के. जाधव कहते हैं, ”रमेशचंद्र फेफर का मानसिक रूप से ठीक नहीं है। वो राज्य के जल संसाधन विभाग की सरदार सरोवर पुनर्वसन एजेंसी के साथ अधीक्षक अभियंता के रूप में तैनात किया गया था, जो नर्मदा बांध परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और पुनर्वास की देखभाल करता है। उसका कार्यालय वडोदरा में था। वो ड्यूटी से अनुपस्थित रहता था। आठ महीने में महज 16 दिन ऑफिस आने के लिए उसे 2018 में “कारण बताओ” नोटिस जारी किया गया था। ठीक से जिम्मेदारी न निभाने पर उसे उसकी सरकारी नौकरी से समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई थी।