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अप्रैल-जुलाई में सोने का आयात 6.4 प्रतिशत बढ़कर पहुंचा 13 अरब डॉलर


नई दिल्ली, । देश के चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर असर डालने वाले भारत के सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान अच्छी मांग के कारण 6.4 प्रतिशत बढ़कर 12.9 अरब डॉलर हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में आयात 12 अरब डॉलर का था। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 में कीमती धातु का आयात 43.6 प्रतिशत गिरकर 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया।

भारत है दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता

चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान सोने और तेल के आयात में वृद्धि ने अप्रैल-जुलाई 2021 में 10.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड व्यापार घाटे में योगदान दिया। बता दें कि चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है। आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है।

चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान मेटल और आभूषण निर्यात लगभग 7 प्रतिशत बढ़कर 13.5 अरब डॉलर हो गया। जून में जारी रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 के दौरान एक व्यापक व्यापार अंतर ने देश के चालू खाते के घाटे को वित्त वर्ष 2011 में 0.9 प्रतिशत के सरप्लस के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत तक बढ़ा दिया।

जनवरी-मार्च 2022 तिमाही के लिए सीएडी क्रमिक आधार पर 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 1.5 प्रतिशत तक सीमित हो गया, जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2021 तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद का 22.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 2.6 प्रतिशत था।

कब होता है चालू खाता घाटा ?

आपको बता दें कि चालू खाता घाटा तब होता है, जब आयातित वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य और अन्य भुगतान किसी विशेष अवधि में किसी देश द्वारा गुड्स एंड सर्विस और अन्य चीजों के निर्यात के मूल्य से अधिक हो जाता है।