वाशिंगटन। भारत सरकार द्वारा पेश किए गए तीन नए कृषि कानूनों की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने तारीफ की है। आईएमएफ ने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों में कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने की क्षमता है। आईएमएफ ने कहा कि नए सिस्टम में जाने के दौरान जिन लोगों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी बहुत जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे। राइस ने गुरुवार को वाशिंगटन में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारा मानना है कि कृषि कानूनों से भारत के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार होगा और इससे किसानों को बहुत फायदा होगा। उन्?होंने कहा कि इन कानूनों की वजह से किसान सीधे विक्रेताओं से संपर्क करने में सक्षम बनेंगे, दलालों की भूमिका कम होने से किसानों को अधिक फायदा होगा और इससे ग्रामीण विकास को समर्थन मिलेगा। भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल पर राइस ने कहा कि इन नए कानूनों की वजह से प्रभावित होने वाले संभावित किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों की वजह से प्रभावित होने वालों को रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए।
राइस ने कहा कि इन कानूनों से मिलने वाले लाभ इनकी प्रभाविकता और इनके लागू करने के समय पर निर्भर करेंगे, इसलिए सुधार के साथ उन मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। हजारों किसान, खासकर पंजाब और हरियाणा के, दिल्?ली के बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। वह तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग कर रहे हैं।