पटना (आससे)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक व्यक्ति, एक पद के नियम के कारण जनता दल यूनाइटेड में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह के केंद्र में मंत्री बनने के बाद इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है। राजनीतिक चर्चाओं की मानें तो मुंगेर से सांसद ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा में से कोई एक अध्यक्ष बनेगा। मिली जानकारी के अनुसार, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के ज्यादा आसार हैं। उपेंद्र कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार राजनीतिक-सामाजिक-जातिगत समीकरण को बैलेंस करने के साथ-साथ पार्टी के सर्वोच्च पद पर अपने विश्वस्त को ही बैठाना चाहते हैं। यही कारण है कि ललन सिंह रेस में सबसे आगे हो गए हैं।
पिछले दिनों हुए मंत्रिमंडल विस्तार में आरसीपी सिंह के मंत्री बन जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर संशय की स्थिति थी। इस स्थिति से निकालने के लिए और सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करने के लिए ललन सिंह विकल्प के तौर पर उभरे हैं। उनके पास प्रदेश अध्यक्ष होने का भी अनुभव है। वह नीतीश कुमार के विश्वास पात्रों में से एक हैं। जल्द राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पटना आएंगे, उसके बाद संगठन की बैठक करके राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।
18 जुलाई को हुई बैठक में उपेंद्र कुशवाहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारीफ की थी। कहा था- जदयू में बेहतर काम कर रहे हैं। संगठन की मजबूती पर अच्छा काम कर रहे हैं, इन्हें बड़ी और नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। यही वजह है कि उपेंद्र कुशवाहा पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर अपनी बिहार यात्रा कर रहे हैं। संगठन के लोगों से मिल रहे हैं, पुराने नेताओं में जोश भर रहे हैं और पार्टी में नई ऊर्जा लाने की बात कह रहे हैं। सूत्र बताते हैं उपेंद्र कुशवाहा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एक मजबूत नेता साबित होंगे और इनसे सामाजिक समीकरण भी दुरुस्त होगा।
आज से शाहाबाद क्षेत्र में दौरा के लिए निकल रहे उपेंद्र कुशवाहा पहले भी कह चुके हैं कि वह पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और सरकार के कामों को लोगों को बताने के लिए वह बिहार यात्रा निकाल रहे हैं। वही लोकसभा के मानसून सत्र में शामिल होने गए ललन सिंह ने इस बाबत कोई चर्चा नहीं की।
अभी फिलहाल आरसीपी सिंह पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष है। वह कुर्मी जाति से आते हैं। लव-कुश समीकरण को साधने के लिए नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा काफी है। ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष अगड़ी जाति को बनाकर नीतीश कुमार फॉरवर्ड में एक मैसेज भेजना देना चाहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कोयरी जाति से आते हैं। उनको रिप्लेस करके उपेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। दोनों एक ही जाति से आते हैं। वहीं, उमेश के मुकाबले उपेंद्र का राजनैतिक कद बड़ा और प्रभावी भी है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार इस बाबत बताते हैं कि उनकी पार्टी वंशवाद के आधार पर नहीं चलती है। समाज के हर तबके को जदयू ने प्रतिनिधित्व दिया है। जो कार्यकर्ता पार्टी और नेता के प्रति वफादार रहता है, उस को पार्टी नेतृत्व देती है। नीरज कुमार इस बात को टाल गए की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा? लगे हाथों उन्होंने तेजस्वी यादव के ताजपोशी पर कड़ा हमला कर दिया कहा कि आरजेडी को लोहिया और जेपी का नाम लेने का अधिकार नहीं है। वहां वंशवाद चलता है और हमारे यहां समाजवाद चलता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी भी अपने परिवार के लोगों को आगे नहीं बढ़ाया है और लालू यादव ने परिवार के अलावा किसी को आगे नहीं बढ़ाया है।