पटना

फिर नालंदा में शिक्षक नियोजन में हुई गड़बड़ियां- जिले के आठ पंचायत नियोजन इकाईयों का काउंसेलिंग रद्द


कहीं अभ्यर्थियों ने लगाया काउंसेलिंग में तैनात कर्मियों पर अभद्रता बरतने का आरोप तो कहीं मांगा आरटीआई से जानकारी

बिहारशरीफ (आससे)। शिक्षक नियोजन में लगातार गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है। इसके साथ ही गंभीर आरोप भी लगना शुरू हो गया है। कोई नियोजन इकाई पर आरोप लगा रहा है तो कोई सूचना के अधिकार में जानकारी हासिल कर रहा है। इसी बीच यह जानकारी मिल रही है कि शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी पाये जाने के मामले में आठ नियोजन इकाईयों की काउंसेलिंग रद्द कर दी गयी है।

बताते चले कि इस बार नियोजन में काउंसेलिंग प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हुई है, जिसका सीडी सुरक्षित रखा गया है। साथ ही दस्तावेज की गड़बड़ी के शिकायत के आलोक में विभिन्न नियोजन इकाईयों का सीडी देखा गया, जिसमें अनियमितताएं पायी गयी।

इस्लामपुर प्रखंड के सूढ़ी, कोचरा और पनहर पंचायत नियोजन इकाई में अनियमितता पायी गयी। रोस्टर का उल्लंघन हुआ। इसी प्रकार हिलसा के मिर्जापुर एवं जूनियार पंचायत नियोजन इकाई, कतरीसराय प्रखंड के दरवेशपुरा और बिलारी नियोजन इकाई, सिलाव के गोरवां पंचायत नियोजन इकाई में अनियमितताएं पायी गयी है। इन नियोजन इकाईयों की काउंसेलिंग को निरस्त कर दी गयी है।

बताते चले कि कतरीसराय के बिलारी में रोस्टर का अनुपालन नहीं हुआ, जबकि दरवेशपुरा में नियमों का ही उल्लंघन हुआ। सिलाव के गोरवां में मेधा सूची में नाम रहने के बावजूद भी आवेदन प्राप्ति रसीद पर दस्तखत नाम नहीं किया गया था और कम अंक वाले का काउंसेलिंग कर लिया गया था। इसी प्रकार इस्लामपुर के सूढ़ी पंचायत में नियोजन समाप्त होने के बाद काउंसेलिंग में चयनित अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरे का चयन कर लिया गया। कोचरा और पनहर पंचायत नियोजन इकाईयों में पहले दावे को निरस्त करते हुए अयोग्य अभ्यर्थियों को बुलाकर काउंसेलिंग करवायी गयी। इसी प्रकार हिलसा के मिर्जापुर और जूनियार पंचायत नियोजन इकाई में आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर अभ्यर्थियों को मेधा सूची से बाहर कर दिया गया। इन्हीं अनियमितताओं के आलोक में काउंसेलिंग रद्द किया गया है।

जिले के आठ नियोजन इकाईयों का काउंसेलिंग निरस्त किया गया है, जबकि हरनौत में बहाली से वंचित महिला अभ्यर्थियों ने नियोजन के दौरान शिक्षकों पर बदसलूकी का आरोप लगाया है, जिसमें आरोप लगाया है कि काउंटर पर प्रतिनियुक्त शिक्षक जान-बूझकर काउंसेलिंग नहीं की। कम नंबर वालों की काउंसेलिंग कर चयन किया गया, जिसका विरोध करने पर अभद्र व्यवहार किया गया।

इसी प्रकार सिलाव के पावाडीह पंचायत में शिक्षक नियोजन में धांधली का आरोप लगाया गया है। इस मामले में कुछ लोगों ने आरटीआई का सहारा लेते हुए जानकारी हासिल करनी चाही है। कुछ लोगों का नाम इंगित करते हुए उनके बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गयी है।