87 हजार शिक्षकों के अपलोड सर्टिफिकेट की जांच अगले माह से
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। शिक्षा विभाग के पोर्टल पर तकरीबन दो हजार पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों के हीे सर्टिफिकेट अपलोड नहीं हुए हैं। तकरीबन 87 हजार शिक्षकों द्वारा पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड किये गये हैं। अपलोड सर्टिफिकेट की जांच अगले माह शुरू हो जायेगी।
निगरानी जांच से छूटे हुए पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों के लिए पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने की अंतिम तिथि मंगलवार को समाप्त हुई है। उल्लेखनीय है कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में वर्ष 2006 से 2015 तक नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच करायी जा रही है। तकरीबन 3,12,180 शिक्षकों में से तकरीबन 89,874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए जब निगरानी को नहीं मिले, तो उनसे सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड कराने का फैसला लिया गया।
इसके लिए एनआईसी के सहयोग से शिक्षा विभाग का पोर्टल बना। वेबसाइट पर उन शिक्षकों की सूची जारी की गयी, जिनके सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड होने थे। उसके बाद शिक्षकों को 21 जून से लेकर 20 जुलाई तक सर्टिफिकेट इस चेतावनी के साथ पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया कि ऐसा नहीं करने पर उनकी नौकरी तो जायेगी ही, उनके द्वारा वेतनादि मद में ली गयी राशि भी वसूल की जायेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अंतिम तिथि तक तकरीबन 87 हजार पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड हो गये। तकरीबन दो हजार शिक्षकों के सर्टिफिकेट ही अपलोड नहीं हुए।
शिक्षा विभाग के पोर्टल पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट अपलोड करने की तिथि बढ़ाने की मांग उठी है। शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन देकर कहा है कि पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय बढ़ायें।
उन्होंने कहा है कि यूएएन नम्बर में सुधार कर अपना सर्टिफिकेट अपलोड करने के बाद भी पोर्टल पर अप्लाइड सक्सेसफूल कालम में नो (लाल रंग) दिख रहा है। दूसरी ओर परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशिर कुमार पाण्डेय ने कहा है कि पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने की तिथि नहीं बढ़ायी गयी, तो शिक्षक राज्यव्यापी आंदोलन पर उतरने के लिए विवश होंगे।