- देश के 11वें राष्ट्रपति रहे और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) ने आज पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam) को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि उनके शानदार योगदान ने भारत की डिफेंस और अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत किया. पूर्व राष्ट्रपति एक परमाणु वैज्ञानिक, लेखक और कवि थे. जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और 83 वर्ष की आयु में 2015 में अपने निधन तक देश की सेवा की.
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘कलाम को परमाणु विज्ञान में उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया और उन्हें लोगों के राष्ट्रपति के रूप में जाना जाने लगा. ‘पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को आज उनकी पुण्यतिथि पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि.’नायडू ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को आज उनकी पुण्यतिथि पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. वह एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, दूरदर्शी राजनेता और सबसे बढ़कर एक महान इंसान थे.
क्यों बनना पड़ा था वैज्ञानिक
डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे, उन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति का पद संभाला. वो भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति में से एक रहे, जिनका बच्चों में काफी क्रेज़ था. डॉ. कलाम का सपना पायलट बनने का था, लेकिन वो पूरा नहीं हो सका. इसलिए वो वैज्ञानिक बने और देश के मिसाइल मैन के तौर पर मशहूर हुए. अटल सरकार के कार्यकाल में हुए परमाणु परीक्षण में उनकी अहम भूमिका रही.