- नई दिल्ली, । अफगानिस्तान में राजनीति में बड़ा बदलाव होने जा रहे हैं। वहां कट्टरपंथी संगठन तालिबान की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गई है। अब अफगानिस्तान में एक अंतरिम सरकार का गठन होना है, जिसका प्रमुख अली अहमद जलाली को बनाया जा रहा है। अफगानिस्तान से ऐसी खबर आ रही है कि अशरफ गनी के इस्तीफा के बाद अली अहमद जलाली को सत्ता सौंप दी जाएगी। उधर, तालिबान के प्रवक्ता का कहना है कि वह ‘अगले कुछ दिनों’ में अफगानिस्तान में सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण चाहता है।
अली अहमद जलाली को मिलेगी सत्ता
अली अहमद जलाली अफगानिस्तान के एक बड़े नेता हैं। वह कूटनीति के मामले में भी काफी सक्षम माने जाते हैं। अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने का जलाली के पास लंबा अनुभव रहा है। वह अफगानिस्तान के राजदूत से लेकर प्रोफेसर तक और एक कर्नल से लेकर सरकार में मंत्री तक रहे हैं। अली अहमद जलाली ने हर वो पद संभाला है जिस वजह से वे अफगानिस्तान की राजनीति को भी समझते हैं और तालिबान पर भी उनकी अच्छी पकड़ है।
मौजूदा हालात पर की टिप्पणी
अली अहमद जलाली ने कुछ दिनों पहले मौजूदा हालात पर टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया था कि खराब नेतृत्व, स्थिरता की कमी और परिचालन और सामरिक समन्वय की अनुपस्थिति ने समर्पित अफगान सैनिकों के जीवन और प्रतिष्ठा पर भारी असर डाला है। एक सप्ताह के भीतर अफगानिस्तान की प्रांतीय राजधानियों के एक-तिहाई हिस्से का तेजी से पतन अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों के दृढ़ता के बहुप्रचारित दावों को खारिज दिया है क्योंकि वे विद्रोही लड़ाकों को आगे बढ़ाने के सामने तेजी से टूट गए थे। इससे एक पुरानी सैन्य कहावत याद आती है, “जिन्होंने अच्छा शासन किया, वे हथियार नहीं रखते थे। जो लोग अच्छी तरह से हथियारबंद थे, उन्होंने युद्ध की रेखाएं नहीं खींचीं। जिन्होंने युद्ध की रेखाएं अच्छी तरह खींची थीं, उन्होंने लड़ाई नहीं की। जो अच्छे से लड़े वे हारे नहीं, जो लोग अच्छी तरह से हार गए वे नष्ट नहीं हुए।